वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक भारत से वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात जुलाई महीने में बढ़कर 35.17 अरब डॉलर पर पहुंच गया। यह कम से कम 9 साल का रिकॉर्ड स्तर है। प्रमुख वैश्विक बाजारों में रिकवरी की वजह से बाहरी मांग बढ़ी है, जिसके कारण भारत के निर्यात में तेजी आई है।
जुलाई, 2019 की तुलना में निर्यात में 34 प्रतिशत वृद्धि और पिछले साल जुलाई की तुलना में 48 प्रतिशत वृद्धि हुई है। इसमें आंशिक रूप से अनुकूल आधार का भी असर है। कोविड-19 महामारी के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया था, जिसके बाद अर्थव्यवस्थाएं खुलनी शुरू हो गई हैं। पेट्रोलियम उत्पादों, इंजीनियरिंग के सामान और रत्न एवं आभूषण क्षेत्र में मांग ज्यादा होने की वजह से यह तेजी आई है। पिछले महीने की तुलना में देखें तो निर्यात इस वित्त वर्ष में सबसे तेजी से बढ़ा है और 8 प्रतिशत का उछाल आया है।
वहीं दूसरी तरफ वाणिज्यिक वस्तुओं का आयात जुलाई में बढ़कर 46.4 अरब डॉलर हो गया है, जिसके कारण व्यापार घाटा 3 महीने के उच्चतम स्तर 11.23 अरब डॉलर हो गया है।
इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘अर्थव्यवस्था खुलना लगातार जारी है और सोने का आयात बढ़ा है। इसकी वजह से जुलाई, 2021 में व्यापार घाटा बढ़कर 3 माह के उच्च स्तर पर है, भले ही वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।’ जुलाई महीने में गैर पेट्रोलियम निर्यात 29.57 अरब डॉलर था। यह पिछले साल की तुलना में 34.39 प्रतिशत और जुलाई, 2019 की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा है। बहरहाल यह मार्च, 2021 के स्तर की तुलना में कम है।
नायर ने कहा, ‘तेल के निर्यात में तेजी आने से कुल मिलाकर वाणिज्यिक निर्यात जुलाई, 2021 में रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया है। अगर पेट्रोलियम वस्तुओं का निर्यात इस स्तर पर बना रहता है तो इससे निश्चित रूप से वित्त वर्ष 2022 में वाणिज्यिक वस्तुओं के निर्यात को बल मिलेगा।’ वित्त वर्ष के पहले 4 महीने के दौरान भारत का निर्यात उसके कुल 400 अरब डॉलर के सालाना निर्यात के लक्ष्य का एक तिहाई है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट में कहा, ‘आत्मनिर्भर भारत से अर्थव्यवस्था को बल मिल रहा है। भारत का वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात 2019 की समान अवधि की तुलना में अप्रैल-जून 21 में 22 प्रतिशत बढ़ा है। भारत का निर्यात 400 अरब डॉलर के सालाना लक्ष्य के 32.64 प्रतिशत तक पहुंच गया है।’ चालू वित्त वर्ष की शुरुआत से ही निर्यात में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। अप्रैल-जुलाई 2021 के दौरान निर्यात 130.56 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में हुए निर्यात से 73.86 प्रतिशत और 2019 की समान अवधि की तुलना में हुए निर्यात से 21.85 प्रतिशत ज्यादा है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से किए गए एक विश्लेषण के मुताबिक जुलाई, 2020 की तुलना में निर्यात में प्रमुख रूप से बढ़ोतरी अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात और बेल्जियम को हुई है। आयात की स्थिति देखें तो सबसे ज्यादा बढ़ोतरी संयुक्त अरब अमीरात, इराक और स्विटजरलैंड से हुई है।
फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के अध्यक्ष ए शक्तिवेल ने कहा कि निर्यात में टिकाऊ वृद्धि से निर्यात क्षेत्र में मजबूती के संकेत मिलते हैं। डॉ शक्तिवेल ने कहा, ‘फियो के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक यह कम से कम पहले के 9 साल की तुलना में सर्वाधिक मासिक निर्यात है। इससे यह भी संकेत मिलता है कि वैश्विक व्यापार में तेज रिकवरी हो रही है।’ फियो प्रमुख ने इस बात पर बल दिया कि वैश्विक मांग भी तेज बनी हुई है और निर्यातकों की ऑर्डर बुकिंग अभी भी बेहतर है।
