आने वाले समय में मोटे अनाज के बाजार का रुख मिलाजुला रहने के आसार हैं।
नई फसलों की आवक और पश्चिम बंगाल में बर्ड फ्लू का दूसरा दौर जैसे मुद्दे इस हफ्ते मोटे अनाज के बाजार में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे। गौरतलब है कि मकई, जौ और बाजरा जैसे अनाज मोटे अनाज की श्रेणी में आते हैं।
मकई और जौ का बाजार थोड़ा नरम रहेगा क्योंकि इन दोनों फसलों की नई आवक बाजार में उतरने को लगभग तैयार है। दूसरी ओर ज्वार और बाजार जैसे अनाज में तेजी की उम्मीद जताई जा रही है और ये दोनों बाजार के ट्रेंड को बनाने वाले साबित हो सकते हैं।
पिछले हफ्ते नकदी बाजार में मक्के की कीमत में 1.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह 745 रुपये प्रति क्विंटल तक जा गिरा।
इसकी वजह से जौ पर भी अच्छा खासा असर पड़ा और यह करीब 2 फीसदी लुढ़ककर 1006 रुपये प्रति क्विंटल तक आ पहुंचा। बाजार में जौ की आवक शुरू हो गई है और मार्च अंत तक इसके जोर पकड़ने के आसार हैं। जौ के मुख्य उत्पादक राज्य राजस्थान के व्यापारियों का कहना है कि जौ की कीमत गिरेगी और यह 900 रुपये प्रति क्विंटल तक आ जाएगा।
उनका कहना है कि निर्यात मांग में पिछले साल के मुकाबले कोई खास बढ़ोतरी की उम्मीद फिलहाल नहीं है, इसलिए जौ की कीमत निश्चित रूप से कम होगी।व्यापारियों ने बताया कि जौ के आयातक अभी यूक्रेन का रुख कर रहे हैं क्योंकि इस देश ने 16 लाख टन जौ का स्टॉक निर्यात के लिए खोल दिया है। गौरतलब है कि पश्चिमी एशियाई देशों के लिए यूक्रेन जौ का प्रमुख श्रोत है।
उधर, जौ के वायदा बाजार में सटोरियों का राज है। नई आवक का कॉन्ट्रैक्ट 1100 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है और इस तरह पिछले हफ्ते के मुकाबले इसमें 40 रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। मक्केकी रबी फसल की आवक अप्रैल में बाजार में उतरेगी। हालांकि लंबी अवधि में मक्केके बाजार में मजबूती का रुख रहने के आसार हैं, लेकिन फिलहाल पश्चिम बंगाल में बर्ड फ्लू की खबर व नई आवक के अभाव से मक्के का बाजार ठंडा है।
यूएस ग्रेन काउंसिल के भारत प्रतिनिधि अमित सचदेव ने कहा – जल्दी ही जौ की आवक शुरू हो जाएगी और इसके बाद निश्चित रूप से इसकी कीमत में गिरावट आएगी। मक्के की कीमत फिलहाल स्थिर रह सकती है, लेकिन इसमें भी कमी की गुंजाइश है। सचदेव ने कहा कि बाजार में ज्वार की नई फसल नहीं पहुंची है क्योंकि यह फसल अभी तैयार होनी बाकी है, इसलिए इसकी कीमत में उठान जारी है। ज्वार की कीमत में पिछले हफ्ते के मुकाबले 9.5 फीसदी का उछाल देखा गया है और यह 956 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर आ पहुंचा है। अगर मक्के से इसकी तुलना करें तो यह 28 फीसदी ऊंची है।