महंगाई पर लगाम कसने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों ने असर दिखाना शुरू कर दिया हैं।
सोयाबीन तेल में भले गिरावट न आई हो, लेकिन पिछले हफ्ते वायदा कारोबार पर रोक लगाने के बाद चना, रबर और आलू की कीमतें गिरने लगी हैं। थोक व्यापारियों की मानी जाए तो अभी इनकी कीमतें और गिरेंगी। गत बुधवार को चार कमोडिटी के वायदा कारोबार पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था।
सरकार के इस कदम का मकसद बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाना था जिसमें सरकार सफल होते भी दिख रही है। सोयाबीन, चना, आलू और रबर के वायदा कारोबार पर रोक के बाद चने की थोक कीमतों में लगभग 100 रुपये क्विंटल यानी एक रुपए प्रति किलो का फर्क आ गया है। गुरुवार यानी 8 मई को थोक बाजार में चने का भाव 2600 रुपये प्रति क्विंटल थी लेकिन वायदा कारोबार पर रोक लगने के बाद सोमवार को चना की कीमतें घटकर 2500 रुपये प्रति क्विंटल हो गई।
नवीं मुंबई स्थित थोक बाजार एपीएमसी में कारोबार कर रहे कारोबारियों की मानी जाए तो अभी कीमतें और गिरेगी, क्योंकि बाजार में माल आना शुरू हो गया है। चने की कीमतों में शुरु हुई गिरावट का कारण ग्रोमा के अध्यक्ष वायदा कारोबार में रोक को न मान कर अच्छी सप्लाई को मानते हैं। गौरतलब हो कि पिछले छह महीनों में चने की कीमतें 2400 रुपये से 3200 रुपये तक पहुंच गई।
चना के अलावा आलू के दामों में भी गिरावट आई है। वायदा कारोबार पर रोक के बाद आलू की कीमतों में प्रति क्विटल 30 से 40 रुपये की गिरावट हुई है लेकिन कारोबारी इस गिरावट का श्रेय आलू की अधिक पैदावार को देते है। एपीएमसी में सब्जी मार्केट के कारोबारी राजेन्द्र राजकर के अनुसार आलू के भाव में पहले से ही गिरावट का दौर जारी था ।
आलू की अच्छी पैदावार होने की वजह से बाजार में आवक अच्छी बनी हुई है जिसकी वजह से आलू की किसानों को सही दाम नहीं मिल पा रहे हैं। आलू की कीमतों में हुई गिरावट को कारोबारी वायदा कारोबार पर रोक को नहीं मानते है। छह महीने पहले आलू के दाम थोक बाजार में 7 रुपये प्रति किलो थे जबकि इस समय 4 से 4.50 रुपए किलो पर चल रही हैं।
सोयाबीन के वायदा कारोबार पर रोक का असर दो दिन तो दिखा लेकिन सोमवार को बाजार खुलते ही इसमें फिर से तेजी देखने को मिली। गुरुवार को रिफाइंड सोया ऑयल की कीमत थोक बाजार में प्रति 10 किलो 575 रुपए थी, जो शनिवार को घटकर 550 रुपए हो गई लेकिल सोमवार को बाजार खुलते ही एक बार फिर से इसकी कीमतों में उछाल देखने को मिला और प्रति 10 किलोग्राम 610 रुपए हो गई।रबर की कीमतें भी असमान से जमीं की ओर रुख करना शुरू कर दी हैं।
8 मई को रबर के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध लगाया गया था तो उस दिन प्रति क्विंटल रबर की कीमत 12119 रुपए थी जबकि सोमवार को रबर के भाव 286 रुपए गिरकर 11833 रुपए प्रति क्विटल रह गई। जानकार रबर की कीमतें अभी और नीचे आने की उम्मीद कर रहे हैं। बहरहाल चना, आलू, सोयाबीन और रबर के वायदा कारोबार पर रोक लगने के बाद इन जिंसों की कीमतों में आई गिरावट से सरकार को अपने निर्णय पर खुश होने की एक वजह जरूर मिल गई है। खुदरा व्यापारी भी इससे खुश है।