मौजूदा वित्तीय संकट के चलते निर्माण कार्यों के बाधित होने से 2009 में तांबे की वैश्विक मांग केवल 3.4 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है।
यह अनुमान पुर्तगाल स्थित तांबा के वैश्विक उत्पादकों और उपभोक्ताओं के संगठन इंटरनेशनल कॉपर स्टडी ग्रुप (आईएससीजी) ने जताए हैं। संगठन के मुताबिक, 2008 के दौरान तांबे की खपत में 3 फीसदी वृद्धि होने का अनुमान है जबकि 2007 में इसमें करीब 4.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी।
शुद्ध तांबे की खपत में हुई जबरदस्त कमी के पीछे चीन की ओर से मांग में हुई कमी है। इसके अलावा, यूरोपीय संघ के 15 देशों सहित जापान और अमेरिका में भी तांबे की मांग में गिरावट हुई है। इसके बावजूद तांबे की मांग में हुई कमी की मुख्य वजह भारत, मिस्र और खाड़ी के देशों की ओर से बढ़ी मांग है।
आंकड़ों के मुताबिक, भारत में हर साल 10 लाख टन से अधिक तांबे का उपभोग होता है। इसमें से 35 फीसदी खपत निर्माण क्षेत्र में हुआ करती है। शुद्ध तांबे की खपत किसी भी अर्थव्यवस्था की तरक्की पैमाना माना जाता है इसलिए इसकी खपत का आंकड़ा वैश्विक अर्थव्यवस्था का बैरोमीटर कहलाता है।
आईएससीजी की भारतीय इकाई इंटरनैशनल कॉपर प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया (आईसीपीसीआई) ने संभावना जतायी है कि देश में तांबा खपत की वृद्धि दर में कमी आएगी। आईसीपीसीआई के सीईओ अजीत आडवाणी ने बताया कि आर्थिक मंदी के चलते व्यावसायिक निर्माण, नए पावर प्रोजेक्ट और हाउसिंग प्रोजेक्ट के निर्माण में विलंब होने की उम्मीद है।
आशंका है कि इसका नकारात्मक असर तांबे की खपत पर पड़ेगा। आडवाणी ने बताया कि इसलिए हमलोग अनुमान व्यक्त कर रहे हैं कि इस साल देश में तांबे की खपत पिछले तीन सालों के 15 फीसदी की तुलना में महज 8 से 9 फीसदी बढ़ेगी।
आईसीएसजी के अनुमान के मुताबिक, 2008 में तांबे का उत्पादन 1,10,000 टन ज्यादा रहने का अनुमान है। मौजूदा साल की पहली छमाही में तांबे की अनुमानित मांग उत्पादन से करीब 1,25,000 टन ज्यादा रही है लेकिन दूसरी छमाही में अनुमान है कि इसका उत्पादन मांग से 2,35,000 टन ज्यादा रहेगा।
इसकी वजह दूसरी छमाही में मंदी के चलते तांबे की मांग में हुई कमी है। चीन, यूरोपीय संघ और अमेरिका में तांबे की मांग घटने के चलते उत्पादन में लगातार कटौती हो रही है फिर भी अनुमान है कि 2009 में कुल उत्पादन का करीब 1.5 फीसदी (2.75 लाख टन) तांबा बच जाएगा।
2008 में तांबा अयस्क के वैश्विक उत्पादन में केवल 1.8 फीसदी यानी 1.57 करोड़ टन की वृद्धि होने का अनुमान है। 2007 में इसका वैश्विक उत्पादन करीब 2.8 करोड़ टन बढ़ा था। आईसीएसजी के मुताबिक, 2009 में तांबा खनिज का उत्पादन करीब 17 लाख टन (10.7 फीसदी) बढ़कर 1.74 करोड़ टन तक पहुंच जाने की संभावना है। शुद्ध तांबे का वैश्विक उत्पादन 2008 में 1.84 करोड़ टन तक पहुंचने की संभावना है।
तांबे का वैश्विक उत्पादन (हजार टन में)
2006 2007 2008 2009
खनिज 14,983 15,441 15,720 17,406
विशुद्ध तांबा 17,292 18,016 18,995 20,497
तांबे की खपत 17,020 17,722 18,250 18,876