वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि एक्वा किसानों और खरीदारों को जोडऩे के लिए शुरू ई-मार्केटप्लेस ई-सांता से किसानों को बेहतर दाम मिल सकेगा और निर्यातक सीधे उनसे गुणवत्तायुक्त उत्पाद खरीद सकेंगे।
ई-सांता (इलेक्ट्रॉनिक सॉलूशंस फॉर आगमेंटिंग एनएसीएसए फार्मर्स ट्रेड इन एक्वाकल्चर) की शुरुआत करते हुए मंत्री ने कहा कि यह प्लेटफॉर्म कारोबार करने के परंपरागत तीरके में बदलाव लाएगा और इससे व्यवस्था औपचारिक व कानूनी रूप से बाध्यकारी होगी।
नैशनल सेंटर फार सस्टेनेबल एक्वाकल्चर (एनएसीएसए) समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीईडीए) की विस्तारित इकाई है, जो वाणिज्य मंत्रालय के तहत आती है।
गोयल ने कहा, ‘किसान ई-सांता पर एक बटन क्लिक करके अपने उत्पाद बेच सकेंगे। इससे किसानों को ज्यादा स्वतंत्रता, विकल्प एवं अवसर मिलेगा। इससे किसानों को उचित मूल्य मिलेगा और खरीदार तक पहुंच सुनिश्चित होगी।’
गोयल ने कहा, ‘जब हम आत्मनिर्भर होने, किसानों को ताकतवर बनाने, किसानों को उचित मूल्य सुनिश्चित करने, तत्काल बिक्री करने व भविष्य के लिए स्टॉक बनाए रखने की बात करते हैं, तो ई-सैंटा किसानों को हाजिर बिक्री और भविष्य की बिक्री में सक्षम बनाता है।’ ई-सांता मछली और एक्वा किसानों व निर्यातकों के बीच पूरी तरह कागजरहित, इलेक्ट्रॉनिक ट्रेड प्लेटफॉर्म है।
अगले माह शुरू हो व्यापार समझौते पर बात
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि अगले महीने भारत-यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच शिखर सम्मेलन के दौरान व्यापार समझौते पर औपचारिक बातचीत फिर से शुरू होने से दोनों पक्षों के बीच रिश्तों को और मजबूत बनाने में मदद मिलेगी। भारत और ईयू के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत मई 2013 से अटकी पड़ी है। पुर्तगाल के विदेश मंत्री अगस्तो सैंतोस सिल्वा के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान सीतारमण ने कहा कि भारत और ईयू के बीच 8 मई को पोर्तो (पुर्तगाल) में शिखर सम्मेलन के दौरान व्यापार और निवेश समझौतों पर औपचारिक बातचीत फिर से शुरू होना पुर्तगाल की अगुवाई में ईयू परिषद की उल्लेखनीय सफलता होगी। वित्त मंत्रालय ने ट्विटर पर लिखा, ‘वित्त मंत्री सीतारमण ने बातचीत के दौरान आपसी भरोसे और समान प्रतिबद्धता के साथ मजबूत आर्थिक और वित्तीय संपर्कों के आधार पर ऐतिहासिक द्विपक्षीय रिश्तों के निर्माण की जरूरत पर भी बल दिया।’ भाषा