अगले वर्ष में घरेलू इस्पात की कीमतों में 10 से 15 फीसदी की नरमी आएगी। एसऐंडपी ग्लोबल प्लैट्स एनालिटिक्स रिपोर्ट ने आज यह अनुमान जारी करते हुए कहा कि ऐसा आपूर्ति बाधाओं के दूर होने से उत्पादन में वृद्घि के परिणामस्वरूप होगा। कैलेंडर वर्ष 2022 में हॉट रॉल्ड क्वॉइल की कीमत 53,550 रुपये से 56,700 रुपये प्रति टन रहने की उम्मीद जताई गई है। 2021 में अब तक इसकी औसत कीमत 63,000 रुपये प्रति टन रही है। यह कीमत कैलेंडर वर्ष 2020 में रही कीमत 39,761 रुपये प्रति टन से 58 फीसदी अधिक है।
महामारी से पूर्व कैलेंडर वर्ष 2019 में इसकी औसत कीमत 38,567 रुपये प्रति टन रही। प्लैट्स के आंकड़ों के मुताबिक 15 नवंबर को भारतीय घरेलू और चीनी घरेलू एचआरसी कीमतों के बीच स्प्रेड बढ़कर 220 डॉलर प्रति टन पर पहंच गया था जो कि अप्रैल 2017 के बाद से सबसे उच्च स्तर है।
2017 के अंत से भारतीय और चीनी इस्पात कीमतों के बीच नजदीकी संबंध रहा है। इन दोनों कीमतों के बीच अंतर इस साल अक्टूबर में बढ़ गया था लेकिन उसके बाद फिर से यह अंतर कम होने लगा है।
इस साल घरेलू स्तर पर इस्पात कीमतें ऊंची रहने की प्रमुख वजह यह है कि भारतीय मिलों को विदेशों में निर्यात करने पर ऊंची कीमतों की पेशकश मिल रही थी जिसके कारण स्थानीय आपूर्ति में कमी आ गई थी। भारत ने मुख्य तौर पर वियतनाम, इटली, बेल्जियम और तुर्की को लक्ष्य बनाया है।
