नैशनल ऐग कोऑर्डिनेशन कमिटी (एनईसीसी) ने मांग की है कि कृषि उत्पादों की तरह ही सरकार अंडे का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करे।
एनईसीसी के मुख्य कार्यकारी अजीत सिंह ने बुधवार चंडीगढ़ में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह मांग रखी। साथ ही उन्होंने कहा कि बर्ड फ्लू केझटके से प्रभावित हुए पॉल्ट्री उद्योग के लिए सरकार विशेष पैकेज भी जारी करे।
उन्होंने कहा कि पॉल्ट्री उद्योग का देश के सकल घरेलू उत्पादन में तकरीबन 40,000 करोड़ रुपये का योगदान है और यह 32 लाख परिवारों को रोजगार मुहैया कराता है। ऐसे में सरकार इसकी अनदेखी कैसे कर सकती है? सरकार को अंडों के लिए भी न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि 97 फीसदी पॉल्ट्री उद्योग संगठित क्षेत्र में है, फिर भी यह 3 फीसदी असंगठित क्षेत्र के पॉल्ट्री उद्योग में फैले बर्ड फ्लू की वजह से प्रभावित हो रहा है। उन्होंने बताया कि अभी भारत में रोजाना 13-14 करोड़ अंडों का उत्पादन हो रहा है। यहां केवल 43 अंडे प्रति व्यक्ति की खपत है, जो राष्ट्रीय पोषण संस्थान (नैशनल इंस्टिटयूट ऑफ न्यूट्रिशन) द्वारा तय प्रति व्यक्ति अंडों के उपभोग से काफी कम है।
एनईसीसी ने इसके साथ ही मक्का और सोयाबीन के वायदा कारोबार पर भी पाबंदी लगाने की मांग की है। गौरतलब है कि मक्का और सोयाबीन पॉल्ट्री उद्योग की खास जरूरत हैं। इसके अलावा बर्ड फ्लू की मार झेल रहे पॉल्ट्री उद्योग के लिए विशेष पैकेज की उन्होंने मांग की है।