कमजोर रोलओवर के बीच निफ्टी गुरुवार को सीमित कारोबार के बीच केवल 2 अंक चढ़कर 4830 अंकों पर बंद हुआ।
निफ्टी अप्रैल वायदा सौदे लांग पोजीशन के रोलओवर के चलते 4853 अंकों पर यानी स्पॉट से 23 अंकों के प्रीमियम पर बंद हुए। हालांकि मार्च वायदा की एक्सपायरी पर अप्रैल वायदा का कुल रोलओवर केवल 276.1 लाख शेयरों का ही रहा जबकि इसी दौरान मार्च वायदा का रोलओवर 375.9 लाख शेयरों का था। देखा जाए तो रोलओवर कम होने का अर्थ होता है कि बाजार में मजबूती है जबकि रोलओवर तगड़े हों तो इसे बाजार की कमजोरी माना जाता है।
नवंबर वायदा के अंत में कुल 276.4 लाख शेयर दिसंबर वायदा में रोलओवर हुए थे और दिसंबर एक्सपायरी पर निफ्टी 400 अंक मजबूत होकर बंद हुआ था। इसी तरह जनवरी वायदा का रोलओवर 305.7 लाख शेयरों का था और जनवरी वायदा के अंत में बाजार में 700 अंकों का करेक्शन आ गया था।
फरवरी वायदा में भी 368.1 लाख शेयरों पर रोलओवर ज्यादा रहा था और मार्च वायदा में यह 375.9 लाख शेयरों का रोलओवर रहा और इन दोनों ही महीनों में बाजार सुस्त ही रहा बल्कि निफ्टी इस दौरान 1000 अंक गिरकर इंट्रा डे में 4450 के स्तर तक पहुंच गया था।
अब अप्रैल में रोलओवर घटकर 276.1 लाख शेयरों का रहा है लिहाजा बाजार में बाउंसबैक की तसवीर बन सकती है। निफ्टी वायदा गुरुवार को 4800 के सपोर्ट स्तर और 4900 के रेसिस्टेंस लेवल तक जाकर 4853 अंकों पर बंद हुआ है। इससे साफ है कि सेंसेक्स में 16,150 और निफ्टी में 4855 के स्तर पर रेसिस्टेंस है और इन स्तरों केऊपर ही तेजड़ियों को मदद मिलेगी।
बाजार के लेवल्स 4450 से बढ़कर 4900 पर आ गए हैं, ये एक अच्छा संकेत है, इसने तगड़ी शार्ट पोजीशन लेने वालों की हालत पतली कर दी लेकिन बाजार से किसी तरह के वी शेप की तेजी यानी भारी तेजी की उम्मीद नहीं की जा सकती क्योकि बाजार अब भी मंदी का ही है और सुधार तब तक नहीं दिखाई देगा जब तक कि ओवरसोल्ड पोजीशन से बाजार संतुलन न बैठा ले।