कम मांग और आपूर्ति के चलते एनसीआर की मंडियों में आलू बुखारा इस साल की अपनी आखिरी आवक में आ गया है।
आलूबुखारे के थोक विक्रेताओं का कहना है कि पैदावार कम होने से इस वर्ष आलूबुखारे की आवक में पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 25 फीसदी की कमी रही है।
आजादपुर मंडी में आलूबुखारे के थोक विक्रेता अरविंद का कहना है कि एक महीने पहले ही आलूबुखारे की 7 किलोग्राम वाली 1200 से 1300 पेटियां लेकर रोजाना 25 से 30 गाड़ियां कश्मीर,हिमाचल प्रदेश के सोलन और उत्तराखंड से आ रही थी। लेकिन इस समय आवक समाप्त सी हो गई है और रोजाना 2 से 3 गड़ियां ही कश्मीर से आ रही है।
एक दूसरे थोक विक्रेता अशोक का कहना है कि इस वर्ष आलूबुखारे का मूल्य 50 रुपये से लेकर 120 रुपये प्रति पेटी रहा। एपीएमसी के आक ड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि इस समय दिल्ली में रोजाना लगभग 5 टन आलूबुखारा आ रहा है। मंडी में आलूबुखारे का न्यूनतम मूल्य 625 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि अधिकतम मूल्य 1750 रुपये है।
यही नहीं दिल्ली की मंडियों में आलू-बुखारे की मांग कम होने से कीमते पिछले महीनें की तुलना में 25 फीसदी कम हो गई है। अगर अन्य राज्यों में आलूबुखारे की कीमतों का जायजा लिया जाए तो पता चलता है कि हरियाणा,हिमाचल प्रदेश और राजस्थान की मंडियों में भी इसकी कीमतें पिछले महीने की तुलना में लगभग 20 से 25 फीसदी गिर गई है। आलूबुखारे की मांग में कमी आने का सबसे ज्यादा असर जम्मू-कश्मीर की मंडियों में हुआ है। इसकी वजह से कीमतों में 50 फीसदी की गिरावट आई है। लेकिन उत्तराखंड में अच्छी पैदावार होने के कारण आलूबुखारे की कीमत सबसे कम है।
विभिन्न राज्यों में कीमतें
राज्य जुलाई 2008 जून 2008
हिमाचल प्रदेश 1153 1161
हरियाणा 2266 1837
एनसीआर 1623 2046
जम्मू-कश्मीर 1734 3232
पंजाब 1380 1405
राजस्थान 2013 2526
उत्तराखंड 430 460
स्रोत : एपीएमसी (कीमतें रुपये प्रति क्विंटल में)