खाद्य तेलों के आयात में मई महीने में 39 फीसदी की कमी आयी है। देश में अप्रैल में हुए 4.94 लाख टन आयात के मुकाबले मई में केवल 3.02 लाख टन तेल का आयात हुआ है।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसियशन ऑफ इंडिया (एसईए) के मुताबिक, खाद्य तेलों के आयात में होने वाली इस बड़ी कमी के पीछे सरकार द्वारा इसके भंडारण की सीमा को निश्चित करना है।
एसईए के कार्यकारी निदेशक बी.वी. मेहता ने बताया कि खाद्य तेलों की भंडारण सीमा तय करने और आयातित तेल को भी भंडार में शामिल करने के सरकारी फरमान से कारोबारी आशंकित हैं। उन्हें सरकारी कार्रवाई के भय से अपने भंडार को कम करने पर मजबूर होना पड़ा है। भंडारण सीमा तय होने से पहले अप्रैल में जहां 4.94 लाख टन तेल का आयात हुआ था वहीं इसके बाद इसमें तेज गिरावट देखी गयी है।
उनके अनुसार, मई में खाद्य तेल का आयात घटकर केवल 3.02 लाख टन रह गया है। यही नहीं अखाद्य तेलों की आयात मात्रा में भी काफी कमी आयी है। एसईए द्वारा जारी आंकड़ों में बताया गया है कि पिछले साल की तुलना में अखाद्य तेलों के आयात में 49 फीसदी की रेकॉर्ड कमी हुई है।
इस संस्था के मुताबिक अप्रैल में भी इसके आयात में थोड़ी कमी हुई है। उल्लेखनीय है कि महंगाई और जमाखोरी पर अंकुश लगाने के लिए कई राज्य सरकारों ने खाद्य तेलों, तिलहनों और अनाजों के लिए भंडारण की एक सीमा तय कर दी थी।