वर्ष 2022 के आखिर तक कच्चे तेल के दाम मौजूदा स्तर से करीब 35 प्रतिशत ज्यादा 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचने की संभावना है। विश्लेषकों का मानना है कि कोविड के ओमीक्रोन स्वरूप की वजह से अगर मांग में कोई रुकावट आती है, तो भी ऐसा होने के आसार हैं।
विश्लेषकों ने कहा कि अगर ओमीक्रोन बेतहाशा फैलता है, तो इसका असर वर्ष 2022 की पहली छमाही में सबसे ज्यादा महसूस किया जाएगा, क्योंकि सरकारों ने इस नए स्वरूप का प्रसार रोकने के उपायों को सख्त कर दिया है। अलबत्ता कोई भी लॉकडाउन स्थानीय स्तर पर तथा और ज्यादा लक्ष्यबद्ध रूप से किए जाने की संभावना है और तेल की मांग पर असर पहले के मुकाबले और ज्यादा हल्का रहने के आसार हैं।
गोल्डमैन सैक्स में ऊर्जा अनुसंधान प्रमुख डैमियन कोरवलिन ने कहा ‘तेल की मांग जो कुछ वक्त के लिए 100 डॉलर बैरल प्रतिदिन के कोविड से पहले के स्तर तक पहुंच गई, वह वर्ष 2022 के अधिकांश भाग के लिए रिकॉर्ड उच्च स्तर पर होगी। जेट ईंधन की मांग को छोड़कर, डीजल और गैसोलीन की मांग पहले से ही रिकॉर्ड उच्च स्तर पर रही है। इस बात की संभावना है कि वर्ष 2022 के दौरान तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकते हैं। लेकिन वर्ष 2022 के अंत में ऐसा होने के आसार ज्यादा हैं।’
हालांकि तेल की कीमतें अक्टूबर 2021 में देखे गए 85 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से नरम हुई हैं, लेकिन अब भी दाम सालाना आधार पर 44 प्रतिशत अधिक लगभग 74 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर हैं। कोरवलिन ने कहा कि ओपेक ने हाल की नरमी को समायोजित नहीं किया है, जिससे तेल को अवधारणा और बुनियादी चीजों के संबंध में एक ओर अल्पकालिक आघात का सामना करना पड़ रहा है।
कच्चे तेल की कीमतों में किसी भी और गिरावट से अब सीधे तौर पर आपूर्ति हतोत्साहित होती है, जो नए घाटे और अधिक दामों के लिए हमारे मध्य अवधि के पूर्वानुमान का समर्थन करती है। हालांकि किसी भी किस्म से संबंधित मांग में नरमी की तय सीमा अस्पष्ट बनी हुई है, लेकिन दाम अधिक नीचे जा चुके हैं। हम ओवरवेट वाले जिंस बने हुए हैं और 12 महीने में 28.5 फीसदी प्रतिफल का अनुमान लगा रहे हैं।
जेपी मॉर्गन के विश्लेषकों के अनुसार तेल की कीमतें वर्ष 2022 की अवधि के दौरान निरंतर खुलने वाली अर्थव्यवस्था की एक प्रमुख लाभार्थी बनी रहेंगी। जेपी मॉगर्न का मानना है कि वर्ष 2022 के दौरान अमेरिका में आपूर्ति इजाफे की तेज रफ्तार की उम्मीद के बावजूद, जुलाई 2023 में ही कोविड से पहले वाली मात्रा के स्तर तक लौटने की संभावना है।
प्रमुख वैश्विक बाजार रणनीतिकार और जेपी मॉर्गन में अनुसंधान के वैश्विक सह-प्रमुख मार्को कोलानोविक ने हुसैन मलिक के साथ एक रिपोर्ट में लिखा है कि वैश्विक तेल बाजार का स्टॉक पांच साल की सीमा से कम वाले दायरे के साथ संतुलित रखते हुए ओपेक व अन्य देशों पर वर्ष 2022 के दौरान मजबूती से नियंत्रण बना रहेगा। इसके परिणामस्वरूप हम उम्मीद करते हैं कि ब्रेंट तेल की कीमतें अगले साल के दौरान बढ़ेंगी, जो वर्ष 2022 में औसतन $88 डॉलर प्रति बैरल और वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही के दौरान 90 डॉलर प्रति बैरल का स्तर पार कर लेंगी।
प्लैट्स एनालिटिक्स को उम्मीद है कि दिसंबर में भारत की तेल की मांग सालाना आधार पर 1,85,000 बैरल प्रतिदिन (बीपीडी) तक बढ़ जाएगी, जिससे पूरे साल की वृद्धि 2,60,000 बीपीडी (सालाना आधार पर 5.6 प्रतिशत) तक पहुंच जाएगी और इसके बाद वर्ष 2022 में 3,20,000 बीपीडी की वृद्धि दर्ज होगी, क्योंकि अर्थव्यवस्था में लगातार सुधार हो रहा है।
