इस साल के अंत तक कच्चे तेल की कीमत 120 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचने की संभावना है।
अमेरिका के कच्चे तेल कारोबार के उप-प्रमुख माइकल मैक डाउगल के मुताबिक, बढ़ते गैसोलिन खपत और उम्मीद के अनुरूप खरीदारी के चलते तेल की कीमतों में उछाल जारी रहने की उम्मीद है। गुरुवार को ब्लूमबर्ग टेलिविजन को दिए एक साक्षात्कार में मैक डाउगल ने बताय कि कच्चे तेल की कीमतें संभव है कि 120 डॉलर प्रति बैरल से भी बढ़ जााए।
डॉलर के मूल्यों में लगातार गिरावट के चलते यह निश्चित है कि निवेशक शेयरों में निवेशित धन को निकाल कर उसे जिंस बाजार में लगा सकते हैं।
अप्रैल के लिए आपूति की जाने वाली कच्चे तेल की कीमत रिकार्ड 104.64 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई है। गुरुवार को न्यू यॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज में कच्चे तेल की कीमतें 1983 से शुरू हुए कारोबार के सारे रिकार्डों को पीछे छोड़ गई।
कीमतों में उछाल का फैसला तेल उत्पादक एवं निर्यातक संगठन (ओपेक) की बैठक में लिया गया। वियना में हुए इस सम्मेलन में वर्तमान उत्पादन को बरकार रखने के पक्ष में सदस्य देशों ने अपनी सहमति जताई है।
मैक डाउगल ने इस बात के भी संकेत दिए हैं कि गैर-ओपेक देश जैसे-रूस के कम उत्पादन के फैसले के चलते भी कच्चे तेल की कीमतें तेज हो सकती हैं।
