कच्चे तेल की कीमत में मंगलवार को प्रति बैरल 2 डॉलर का उछाल दर्ज किया गया। एक बैरल तेल की कीमत 109 डॉलर के स्तर पर पहुंच गई।
गिरते डॉलर के कारण निवेशकों ने अपना रुख जिंस बाजार की ओर कर रखा है। निवेशकों का मानना है कि जिंस बाजार में निवेश से उन्हें अच्छा लाभ हो सकता है। इन्हीं कारणों से इन दिनों कच्चे तेल की कीमत में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।
लेकिन इस उछाल के बाद निवेशकों को इसकी कीमत में और उछाल की फिलहाल कोई उम्मीद नहीं है।यूके के एक ब्रोकर कहते हैं, हाल के दिनों में अब इसकी कीमत में कोई उछाल आने की संभावना नहीं है। उनके मुताबिक तेल में लगातार निवेश हो रहा है और इसकी स्थिति मजबूत नजर आ रही है।
उनका कहना है कि एक बैरल तेल की कीमत 100 डॉलर के आसपास बिल्कुल सही है। मई की डिलिवरी के लिए कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल 109.16 डॉलर बताई गई। बताया जा रहा है कि पिछले साल की समान अविध के मुकाबले यह कीमत 77 फीसदी अधिक है। 18 मार्च के बाद से वायदा के लिए यह कीमत सबसे अधिक बताई जा रही है।
सिंगापुर स्थित हडसन कैपिटल एनर्जी के निदेशक के मुताबिक कच्चे तेल की कीमतों में इस प्रकार से उतार-चढ़ाव के लिए निवेश एक महत्वपूर्ण कारण रहा है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि नए निवेश के कारण इसकी कीमत प्रति बैरल 100 डॉलर के पार चली गई।
सिटीग्रुप के विश्लेषकों के मुताबिक जिंस बाजार में इस साल के पहले तीन महीने के दौरान 400 बिलियन डॉलर का निवेश किया गया है। अंतरराष्ट्रीय जिंस बाजार का सूचकांक सोना, सोयाबीन, गेहू व अन्य धातुओं में लगातार निवेश के कारण काफी तेजी से चढ़ा है।
इस सूचकांक में तेजी के लिए डॉलर का लगातार कमजोर होना भी बताया जा रहा है। सितंबर से लेकर अब तक अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने छह बार ब्याज दरों में कटौती की घोषणा की है। इस कारण यूरो के मुकाबले डॉलर अपने न्यूनतम स्तर पर चला गया है।