उड्डयन उद्योग की परामर्श एजेंसी सीएपीए की एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस और यूक्रेन के बीच टकराव के कारण 3 महीने तक कच्चे तेल की औसत कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बनी रह सकती है।
भारत के एयरलाइंस के लिए यह बुरी खबर है, क्योंकि उनके कुल खर्च में ईंधन की हिस्सेदारी करीब 40 प्रतिशत है। मंगलवार को सरकारी तेल कंपनियों ने एविएशन टबाईन फ्यूल (एटीएफ) की कीमत 8.7 प्रतिशत बढ़ाकर 93,530.6 रुपये प्रति किलोलीटर कर दिया है। सालाना आधार पर देखें तो एटीएफ की कीमत 57 प्रतिशत बढ़ चुकी है। सीएपीए ने कहा, ‘अपने आकलन के आधार पर हमारा अनुमान है कि ब्रेंट क्रूड की औसत कीमत वित्त वर्ष 22-23 के दौरान 75-80 डॉलर प्रति बैरल बनी रहेगी। भू राजनीतिक जोखिमों की वजह से करीब 3 महीने तक इसकी औसत कीमत 100 डॉलर के बढ़े स्तर पर बनी रह सकती है और उसके बाद नियमित योगदान वाली वजहों से कीमत कम होगी।’ नियमित प्रभावित करने वाली वजहों में मांग आपूर्ति का मसला और वृहद आर्थिक वजहें शामिल हैं।
सीएपीए ने कहा, ‘100-120 लाख बैरल प्रति दिन के हिसाब से रूस तेल का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है, जिसकी वैश्विक हिस्सेदारी 11-12 प्रतिशत है। मौजूदा टकराव, जो अभी चल ही रहा है, की वजह से आपूर्ति में व्यवधान की पूरी संभावना है।’
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के मुताबिक विश्व की तेल की मांग 2022 में बढ़कर 1006 लाख बैरल प्रति दिन पहुंचने की संभावना है, जो 2021 के 974 लाख बैरल प्रति दिन से ज्यादा है। कोविड-19 के प्रतिबंधों में कमी जारी रहने के कारण ऐसा होगा। वैश्विक तेल आपूर्ति मांग बढऩे के साथ बढ़ रही है और यह जनवरी में बढ़कर 987 लाख बैरल प्रतिदिन हो गई है।
सीएपीए ने कहा कि प्रमुख मांग आपूर्ति गणित के कारण वैश्विक सालाना मांग में वृद्धि के कारण कीमतों में कोई व्यवधान आने की संभावना नहीं है क्योंकि उत्पादन से मांग को समर्थन मिलेगा, जब तक कि वैश्विक आपूर्ति शृंखला में कोई व्यवधान न आए।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आपूर्ति और कीमतों के मामले में ईरान बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
बहरहाल जहां कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें एयरलाइंस को प्रभावित कर रही हैं, वहीं सकारात्मक बात यह है कि मांग लगातार बेहतर हो रही है।
जनवरी महीने में घरेलू हवाई यातायात जहां 42.7 प्रतिशत गिरकर 64 लाख रह गया था, वहीं फरवरी में मांग में तेजी आई है। कोविड-19 के मामले कम होने और राज्यों की ओर से एयरलाइंस पर प्रतिबंधों में राहत देने से सीटें भरने की मात्रा में तेज बढ़ोतरी हुई है। विश्लेषकों के मुताबिक जनवरी की तुलना में फरवरी में यात्रियों की संख्या बेहतर हुई है।
इंटरनैशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) को भी उम्मीद है कि कुल मिलाकर 2024 में वैश्विक यातायात बढ़कर 4 अरब हो जाएगा, जो कोविड के पहले के स्तर से ज्यादा है।
आईएटीए के महानिदेशक विलिए वाल्श ने कहा, ‘कोविड-19 से यात्रियों की संख्या में रिकवरी के अनुमान में ओमीक्रोन की वजह से अंतर नहीं आया है। लोग यात्रा करना चाहते हैं। और जब यात्रा से प्रतिबंध हटाया गया तो वे आसमान में लौट आए।’
