देश में सीमेंट आयात पर लगने वाला काउंटरवेलिंग शुल्क (सीवीडी), जिसे जनवरी में घरेलू कंपनियों को राहत देने और सीमेंट की कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए फिर से लगाया गया था, हटाया जा सकता है। इस संदर्भ में चुनाव के बाद निर्णय लिए जाने की संभावना है।
बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (बीएआई) के अनुसार, इसने औद्योगिक वाणिज्य तथा उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले नीति एवं संवर्ध्दन विभाग को सीवीडी हटाने की सिफारिश की है ताकि कीमतों को नियंत्रित रखा जा सके।
बीएआई के संयोजक ए सहाय ने कहा, ‘दस अप्रैल को वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों के साथ हमारी बैठक हुई थी और ऐसा लगता है कि आम चुनाव के बाद सरकार सीवीडी हटाने पर विचार कर सकती है।’ संपर्क करने पर औद्योगिक नीति एवं संवर्ध्दन विभाग (डीआईपीपी) के संयुक्त सचिव एन ण्न प्रसाद ने इस मुद्दे पर चुनाव से पहले कुछ कहने से इनकार कर दिया।
वर्तमान में सीमेंट के आयात पर 8 प्रतिशत सीवीडी के अतिरिक्त चार प्रतिशत विशेष सीमा शुल्क लगाया जाता है। दूसरे आर्थिक राहत पैकेत के तहत फरवरी में सरकार ने बल्क सीमेंट पर लगने वाला उत्पाद शुल्क 10 प्रतिशत से घटा कर 8 प्रतिशत कर दिया था। इसके अलावा, जनवरी में सीवीडी की भी छूट दे दी गई थीं।
हालांकि, घरेलू कंपनियों ने पिछले तीन महीनों में सीमेंट की कीमतों में 3 से 7 ररुपये प्रति बोरी की बढ़ोतरी की है। उल्लेखनीय है कि इस दौरान राज्य सरकारों द्वारा लॉन्च की गई आवास योजनाओं और ग्रामीण क्षेत्रों की सड़क तथा सिंचाई परियोजनाओं के कारण सीमेंट की मांग में उछाल आया था।
सीमेंट मैनुफैक्चरर्स एसोसिएशन के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से मार्च 2009 की अवधि में सालाना आधार पर लदान में 9.15 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। प्रत्येक महीने भारत लगभग एक लाख टन सीमेंट का आयात करता है और इनमें से अधिकांश की खपत दिल्ली और पंजाब में की जाती है। दिल्ली स्थित एक आयातक ने कहा कि पिछले एक महीने में पाकिस्तान से सीमेंट के आयात में बढ़ोतरी हुई है।
आने वाली तिमाहियों में दिल्ली और आस पास के क्षेत्रों में इस जिंस की कीमतें दबाव में आ सकती हैं क्योंकि पाकिस्तानी निर्यातक भारतीय बाजार में पाकिस्तानी सीमेंट की खपत बढ़ाने के लिए कम कीमतों का सहारा ले रहे हैं। एंजल ब्रोकिंग के विश्लेषक पवन बेडर्े ने कहा, ‘मांग कम होने से पाकिस्तान के घरेलू बाजार में अतिआपूर्ति की परिस्थिति बन गई है।’
उन्होंने कहा कि अगर सीवीडी हटा दिया जाता है तो आयातित सीमेंट की कीमतें और घटेंगी तथा आने वाली तिमाहियों में घरेलू बाजार में कीमतों में सुधार देखने को मिलेगा। पकिस्तान से आयातित सीमेंट की कीमत तीन महीने पहले के 70 डॉलर प्रति टन से घट कर 55 से 60 डॉलर प्रति टन के स्तर पर आ गई हैं।
अगर यह चलन आने वाले महीनों में भी जारी रहा तो फिश्र घरेलू सीमेंट कंपनियों के संयंत्र उत्पादन क्षमताओं के इस्तेमाल में कमी आएगी। श्री सीमेंट के प्रबंध निदेशक और सीमेंट मैनुफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एच एम बांगड़ ने स्वीकार किया कि वर्तमान में ये संयंत्र अपनी 100 प्रतिशत क्षमता के साथ काम कर रहे हैं और इस तरह का क्षमता इस्तेमाल इस महीने के अंत तक जारी रहेगी।
एक टन पाकिस्तानी सीमेंट की कीमत 2,700 रुपये से 2,900 रुपये के बीच है। वाधा सीमा से अगर दिल्ली या अमृतसर तक की परिवहन लागत को जोड़ दिया जाए तो यह 50 किलोग्राम की एक बोरी के लिए लगभग 40 से 50 रुपये बनता है और अंतत: कीमत 180 से 193 रुपये प्रति बोरी की बनती है जो 245 से 260 रुपये प्रति बोरी की औसत घरेलू कीमतों से कहीं कम है।
हालांकि, बांगड़ ने कहा कि सुरक्षा कारणों से पड़ोसी देश से सीमेंट के आयात को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए। पाकिस्तान से सड़क मार्ग से सीमेंट लाया जाना ज्यादा सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी को भी अन्य देशों से सीमेंट का आयात करने पर विचार करना चाहिए।
