पश्चिम बंगाल में बंताला के पास 50 एकड़ में फुटवियर पार्क प्रोजेक्ट पर विवाद और तेज हो गया है।
कोलकाता लेदर कॉम्प्लेक्स टैनर्स असोसिएशन और इस उद्योग से जुड़े इलाके के एक्सपोर्टरों का कहना है कि इस प्रोजेक्ट के लिए कोलकाता लेदर्स असोसिएशन (सीएलसी) के अंदर की जमीन मांगी जा रही है और इस प्रोजेक्ट की पूरी जिम्मेदारी एम एल डालमिया एंड कंपनी (एमएलडी) को सौंप दी गई।
उनके मुताबिक, एम एल डालमिया एंड कंपनी (एमएलडी) बिना किसी से सलाह-मशविरा किए कॉम्प्लेक्स के अंदर पार्क बनाने की योजना पर आगे बढ़ रही है। गौरतलब है कि फुटवियर पार्क प्रोजेक्ट को विकसित करने के लिए छह महीने पहले लेदर एंड फुटवियर पार्क ऑफ कोलकाता (एलएफके) नामक स्पेशल परपज वीइकल (एसपीवी) बनाया गया था।
इस संस्था ने फरवरी में प्रोजेक्ट संबंधी रिपोर्ट को डायरेक्टर ऑफ इंडस्ट्रीज को सौंप दी थी। एसपीवी के अध्यक्ष बी डी भैया के मुताबिक, इस बाबत प्रस्ताव वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय को सौंपा जा चुका है और मंत्रालय से जवाब की प्रतीक्षा की जा रही है। काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोट्र्स (पूर्वी जोन) के चेयरमैन ए के चटर्जी ने बताया कि काउंसिल इस प्रोजेक्ट में कोऑर्डिनेटर की भूमिका निभा रही है। इस प्रोजेक्ट पर तकरीबन 300 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
एसपीवी को इस बाबत बुनियादी ढांचा विकास फंड के तहत केंद्र सरकार से सहायता मिलने की उम्मीद है। इसके तहत केंद्र सरकार द्वारा प्रोजेक्ट पर खर्च होने वाली कुल राशि का 40 फीसदी या अधिकतम 40 करोड़ रुपये तक मुहैया कराया जा सकता है।
हालांकि चटर्जी ने साफ किया कि अगर इस प्रोजेक्ट के मद्देनजर रोड, बिजली और पानी जैसी आधारभूत सुविधाओं तैयार करने का काम एमएलडी करती है, तो एलएफपीके या सीएलई को केंद्रीय फंड नहीं मिल सकता। अगर पार्क सीएलसी के अंदर बनता है तो एसपीवी को इसके लिए एमएलडी को शुल्क मुहैया कराना पड़ेगा।
भैया के मुताबिक पार्क के निर्माण के मद्देनजर सरकार, एसपीवी और एमएलडी के बीच समझौता उचित होगा। अगर ऐसा नहीं होता है तो एलएफपीके को सीएलसी के बाहर पार्क का निर्माण करना पड़ेगा।