पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय उस सीमा का मूल्यांकन कर रहा है, जिस पर रसोई गैस पर सब्सिडी बहाल की जाएगी। इस मामले से जुड़े एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के मुताबिक घरेलू गैस सिलिंडर की कीमत निर्धारित करने के लिए एक सर्वे कराया जा रहा है। इस विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है कि सब्सिडी सिर्फ प्रधानमंत्री उज्जवला योजना (पीएमयूवाई) लाभार्थियों तक सीमित रखी जाए।
इसकी जरूरत तब महसूस की गई, जब एलपीजी की वैश्विक कीमतें गिर गईं और सरकार ने मई, 2020 में एलपीजी सब्सिडी खत्म कर दी। उस समय घरेलू 14.2 किलो एलपीजी सिलिंडर की कीमत दिल्ली में 581.50 रुपये प्रति सिलिंडर थी। उसके बाद कीमत लगातार बढ़ी, लेकिन रसोई गैस सब्सिडी नहीं दी गई। अब दिल्ली में रसोई गैस सिलिंडर की कीमत 884.50 रुपये है, जो अब तक का सर्वोच्च स्तर है।
अब दिल्ली में रसोई गैस पर कोई सब्सिडी नहीं मिलती। केंद्र ने कुछ राज्यों के लिए ढुलाई पर सब्सिडी जारी रखी है। हर मामले में सब्सिडी की राशि अलग अलग है, लेकिन यह 30 रुपये प्रति सिलिंडर से कम है। पूरे देश में रसोई गैस की कीमतों में घट-बढ़ खत्म करने के लिए ऐसा किया गया है। एक अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘यह जानने के लिए एक सर्वे कराया जा रहा है कि ग्राहक किस कीमत पर रसोई गैस खरीद सकते हैं। सरकार कीमतों पर नियंत्रण जारी रखने को इच्छुक है।’ अधिकारी ने कहा, ‘सरकार कीमतों की निगरानी और खपत में आई कमी की स्थिति की समीक्षा कर रही है। पीएमयूवाई के लाभार्थी वित्तीय रूप से बहुत कमजोर माने जा रहे हैं, ऐसे में इस विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है कि सिर्फ उन्हें ही सब्सिडी दी जाए। सर्वे के बाद यह तय किया जाएगा कि सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलिंडर की कीमत कितनी होगी।’
यह उम्मीद की जा रही है कि भारत में अगले साल मार्च तक 30 करोड़ से ज्यादा रसोई गैस उपभोक्ता होंगे। इनमें से करीब 20.72 करोड़ गैर पीएमयूवाई (या नियमित) ग्राहक होंगे। इस समय सभी ग्राहकों को सिलिंडर का पूरा दाम देना पड़ रहा है।
