देश के खनन उद्योग ने आरोप लगाया है कि स्टील बनाने वाली कंपनियों ने कार्टल बनाकर स्टील की किल्लत पैदा कर दी है और अपनी जेब भर रही है।
खनन उद्योग का कहना है कि मांग-आपूर्ति की स्थिति में सुधार के लिए सरकार को ऐसे कार्टल को तोड़ना ही होगा। इसके साथ खनन उद्योग ने स्टील अलॉय के निर्यात को हतोत्साहित करने के लिए 25 फीसदी की एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने की मांग की है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे पत्र में फेडरेशन ऑफ इंडियन मिनरल इंडस्ट्रीज ने कहा है कि स्टील बनाने वाली 7-8 कंपनियों ने कार्टल बना लिया है और ये लोग मिलकर स्टील की कीमतें बढ़ा देते हैं। कि ये कंपनियां स्टील की कृत्रिम कमी पैदा कर अपनी जेब भर रही हैं। फेडरेशन ने कहा है कि टाटा स्टील और सरकारी कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया मोटा मुनाफा कमा रही हैं।
उन्होंने कहा कि इन दोनों कंपनियों के पास अपना खदान है, जहां से वे सिर्फ ट्रांसफर कॉस्ट पर कच्चा माल प्राप्त करती हैं। फेडरेशन के महासचिव ने पीएम को लिखे पत्र में कहा है कि इन परिस्थितियों में स्टील की कीमतों में कमी लाने के लिए सबसे पहले कार्टल को तोड़ना होगा ताकि घरेलू बाजार में मांग-आपूर्ति की स्थिति में सुधार हो सके।
ये कंपनियां अपने मोटे मुनाफे का इस्तेमाल भारत से बाहर बंद या बीमार पड़ी स्टील कंपनियों की खरीद या फिर देश में या देश से बाहर नए खदान के डिवेलपमेंट में कर रही हैं।