विश्व की तमाम अर्थव्यवस्थाओं के मंदी की गिरफ्त में आने की आशंका से जिंसों की वैश्विक मांग में तेजी से कमी हो रही है। इसका परिणाम यह हुआ है कि जुलाई से अब तक कई जिंसों की कीमत 60 से 70 फीसदी तक लुढ़क चुकी है।
नैशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) की एक रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई में कच्चा तेल 147 डॉलर प्रति बैरल की ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गया था,
लेकिन तब से अब तक इसमें 72 फीसदी की भारी गिरावट हो चुकी है। फिलहाल ब्रेंट क्रूड तेल का भाव 41 डॉलर प्रति बैरल के आसपास है।
देश में करीब 12.3 करोड़ टन कच्चे तेल का सालाना आयात होता है जो देश की कुल खपत का तीन-चौथाई है। जानकारों के मुताबिक, डॉलर की मजबूती और खाद्य जिंसों का उत्पादन अनुमान बेहतर रहने से भी कीमतों में नरमी आई है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि धातु की कीमतंड़ भी मंदी से बुरी तरह प्रभावित हुई है।
इनमें अब तक लगभग 60 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है। सबसे अधिक गिरावट तांबे में हुई है और यह 4 माह पहले के 8,414 रुपये से गिरकर 3,717 रुपये प्रति टन तक आ गया।
इस्पात की कीमतों में 30 फीसदी की कमी हुई है और यह 980 डॉलर प्रति टन से घटकर मात्र 683 डॉलर रह गई है। टिन में 41 प्रतिशत की कमी हुई और इसके भाव 1,364 डॉलर प्रति टन रह गए।