राष्ट्रीय खनन कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने चालू वित्त वर्ष में 47,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 32 नई कोयला खनन परियोजनाओं की मंजूरी दी है। 32 में से 24 मौजूदा परियोजनाओं का विस्तार है और बाकी 8 नई परियोजनाएं हैं। इन परियोजनाओं की संयुक्त वृद्घिशील उच्च क्षमता 19.3 करोड़ टन प्रति वर्ष अनुमानित है। कंपनी ने कहा कि यह क्षमता पहले से मंजूर की जा चुकी 30.35 करोड़ टन की वार्षिक क्षमता के अलावा है।
मंजूर की गई 32 विस्तारित और नई ग्रीनफील्ड परियोजनाओं से वृद्घिशील उत्पादन वित्त वर्ष 2024 तक बढ़कर 8.1 करोड़ टन वार्षिक होगी। सीआईएल ने कहा कि उसके इतिहास में यह रिकॉर्ड क्षमता वृद्घि है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘परियोजना या फिर क्षमता वृद्घि के लिहाज से इतनी बड़ी संख्या को अब तक किसी भी वित्त वर्ष में मंजूरी नहीं दी गई है।’
सीआईएल ने एक वक्तव्य में कहा कि सीआईएल के बोर्ड और संबंधित सहायक कंपनियों के बोर्डों ने इसकी मंजूरी दे दी है।
कंपनी ने कहा कि रिकॉर्ड क्षमता वृद्घि देश में कोयला आयात की व्यवस्था को बदलने के प्रयासों के अनुकूल है।
32 परियोजनाओं की 19.3 करोड़ टन की वार्षिक क्षमता में से सीआईएल की तीन सहायक कंपनियों साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल), सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) और महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) की क्षमता 16.7 करोड़ टन वार्षिक है जो मिलकर 86.5 फीसदी बैठता है।
एसईसीएल की क्षमता 18,657 करोड़ रुपये की अनुमानित वृद्घिशील निवेश की 6 परियोजनाओं के साथ 6.35 करोड़ टन वार्षिक है जिसके बाद सीसीएल का स्थान है। 10 परियोजनाओं के लिए 7,520 करोड़ रुपये के निवेशक पर इसकी क्षमता 5.66 करोड़ टन वार्षिक है। एमसीएल 14,057 करोड़ रुपये के निवेश से तीन परियोजनाओं के जरिये 4.7 करोड़ टन वार्षिक क्षमता जोड़ेगी। शेष 2.6 करोड़ टन वार्षिक क्षमता की पूर्ति ईसीएल, एनसीएल और डब्ल्यूसीएल के जरिये की जाएगी जिनमें शेष रकम निवेश किया जाएगा।
सीआईएल ने कहा, ‘समानांतर रूप से उत्पादन के साथ सामंजस्य बैठाकर कंपनी रेल लाइनों, छोटी लाइनों और जहां से अधिकांश आउटपुट की उम्मीद है उन कंपनियों में आरंभिक संपर्क परियोजनाओं को स्थापित कर पटरी को खाली करने वाले बुनियादी ढांचों को भी सुदृढ़ किया जा रहा है।’
