कम होती व्यापारिक गतिविधियां और कम आवक के चलते चने के बाजार में सुस्ती का आलम देखा गया। चूंकि गुरुवार या फिर गुरुवार के बाद बाजार बंद रहेगा, लिहाजा अगले हफ्ते इसमें थोड़ी बहुत तेजी देखी जाएगी।
वैसे बाजार के खिलाड़ियों का कहना है कि इसका फंडामेंटल मजबूत है, इसलिए अगले हफ्ते इसमें तेजी की उम्मीद की जा सकती है।चने के नकदी बाजार में इस कमोडिटी में कई दिनों से कमजोरी देखी जा रही है क्योंकि बाजार में खरीदारी काफी कम हो रही है। बाजार के सूत्रों का कहना है कि मिल वाले और स्टॉकिस्ट दोनों ही फिलहाल बाजार से दूरी बनाए हुए हैं।
एक पखवाड़े पहले चना वायदा 3200 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंचने को तैयार दिख रहा था क्योंकि इसका फंडामेंटल मजबूत था। जब करीब 10 दिन पहले महंगाई की दर 5 फीसदी को पार कर गई तो चने में कमजोरी दिखने लगी क्योंकि कृषि फसल पर इसका असर पड़ा था। इसके अलावा मुनाफावसूली ने भी इसे नीचे गिराया।
एंजेल कमोडिटीज के रिसर्च हेड बदरूद्दीन खान के मुताबिक, चना अप्रैल वायदा को 2760 रुपये प्रति क्विंटल पर सपोर्ट मिलेगा। लेकिन उन्होंने कहा कि जब त्योहारों के बाद मंडी खुलेगी तो फिर एक बार फिर इसमें तेजी की उम्मीद है।
बाजार के अनुमान के मुताबिक, इस सीजन में चने की पैदावार 48 लाख टन होगी जबकि पहले 58 लाख टन पैदावार का अनुमान लगाया गया था। बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश और राजस्थान से आने वाला चने की क्वॉलिटी काफी घटिया है और यह एक्सचेंज के मानदंडों पर खरा नहीं उतर रहा। इससे आने वाले दिनों में चना वायदा में गिरावट दर्ज हो सकती है।
ये दोनों राज्य चना के मुख्य उत्पादक हैं और यहां पिछले दिनों काफी बारिश हुई थी और इस वजह से फसल खराब हुई थी। नैशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज में चना का अप्रैल वायदा 2806 रुपये पर बंद हुआ जो पिछली बार के मुकाबले 9 रुपये प्रति क्विंटल ज्यादा है।