रुपये में आई कमजोरी केचलते पाकिस्तान से सीमेंट आयात करने वाले भारतीय आयातकों ने फिलहाल नए अनुबंध पर पाबंदी लगा दी है।
ऐसा इसलिए कि पाकिस्तान से आयात अब उतना आकर्षक नहीं रह गया है। पिछले 15 दिनों से कोई भी नया अनुबंध नहीं हुआ है और आयातकों का कहना है कि स्थिति में परिवर्तन होने तक नया अनुबंध करने की उनकी कोई योजना नहीं है।
सीमेंट आयातक अपने आपूर्तिकर्ताओं से कीमतों में कटौती की मांग कर रहे हैं। ज्यादातर आयातकों के पास वैध ‘लेटर ऑफ क्रेडिट’ है, लेकिन उन्होंने अपने पाकिस्तानी आपूर्तिकर्ताओं से फिलहाल सीमेंट मंगाने से मना कर दिया है। वैसे पाकिस्तानी सीमेंट का सीधा इस्तेमाल करने वाले थोड़ी मात्रा में इसका आयात कर रहे हैं।
यानी जो लोग इसका इस्तेमाल कर रहे है, वे सीधे पाकिस्तानी कंपनियों से माल मंगा रहे हैं। सीमेंट आयातक एसोसिएशन के अध्यक्ष अमनदीप सिंह मदान ने कहा कि पिछले दो हफ्ते से पंजाब के किसी भी आयातक ने पाकिस्तानी सीमेंट के लिए ऑर्डर नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि इन कीमतों पर हम पाकिस्तान से सीमेंट का आयात नहीं कर सकते।
मदान ने कहा कि रुपये में आई भारी गिरावट से पाकिस्तान से सीमेंट आयात अब उतना आकर्षक नहीं रहा। उन्होंने कहा कि हमारी मांग पर पाकिस्तानी कंपनियों ने कीमत में दो डॉलर की कटौती की है और फिलहाल यह 68 डॉलर प्रति टन के स्तर पर आ गया है, लेकिन सीमेंट आयात तब तकफायदेमंद नहीं हो सकता जब तक कि कीमत 60 डॉलर प्रति टन तक न आ जाए।
मदान के पास भी 4 हजार टन सीमेंट आयात करने का वैध लेटर ऑफ क्रेडिट है, लेकिन उन्होंने फिलहाल शिपमेंट रोक दिया है। मई से अब तक रुपये में 19 फीसदी की गिरावट आई है। पाकिस्तानी कंपनियां पंजाब के आयातक को 68 डॉलर प्रति टन के हिसाब से माल बेच रही हैं। अगर रुपये के स्तर पर इसका हिसाब लगाया जाए तो यह भारतीय आयातक की लागत में बढ़ोतरी हुई है।
पहले 2765 रुपये प्रति टन में मिलने वाला माल अब 3293 रुपये प्रति टन पर मिल रहा है। वाघा बॉर्डर से अमृतसर तक के रेल भाड़े को जोड़ दिया जाए तो रिटेल खरीदार को आयातक 220 रुपये प्रति बोरी के हिसाब से माल बेच रहे हैं जबकि भारतीय सीमेंट 225 रुपये प्रति बोरी के हिसाब से मिल रहा है।
पहले हालांकि कीमतों में 20-25 रुपये प्रति बैग का अंतर था, इसलिए लोग आसानी से पाकिस्तानी सीमेंट खरीद लेते थे। पाकिस्तानी कंपनियों के भारत में स्थिति प्रतिनिधि ने साफ किया कि फिलहाल यहां पाकिस्तानी सीमेंट का बिजनेस बिल्कुल ठप है और जब तक कि कीमतों में फेरबदल नहीं होता, आयात लगभग बंद रहेगा।
अप्रैल 2007 में भारत ने सीमेंट आयात पर लगने वाले 16 फीसदी के कॉन्ट्रावेलिंग डयूटी को समाप्त कर दिया था ताकि सीमेंट आयात आसान हो सके और देसी बाजार में यह सुगमता से उपलब्ध हो सके। इसके अलावा 4 फीसदी के स्पेशल कस्टम डयूटी को भी समाप्त कर दिया गया था। जनवरी 2007 में सीमेंट आयात पर सरकार ने ड्यू्टी खत्म कर दी थी।
2007 में जब भारत सरकार ने सीमेंट आयात नियम में ढील दी थी तब ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड ने पाकिस्तान की 22 कंपनियों को लाइसेंस दिया था। सितंबर 2007 से लेकर अब तक पाकिस्तान 10 लाख टन सीमेंट का निर्यात कर चुका है।