लॉकडाउन में धीरे-धीरे राहत और मॉनसून से पहले की रुकी हुई मांग के करण जून में सीमेंट वॉल्यूम में करीब 20 प्रतिशत की क्रमिक वृद्धि दर्ज किए जाने केआसार हैं। इंडिया रेटिंग्स ने आज अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के कुछ हिस्सों में बारिश द्वारा निर्माण को प्रभावित किए जाने के बावजूद जून के दौरान वॉल्यूम में यह इजाफा होगा, जिसके परिणामस्वरूप कम आधार पर वित्त वर्ष 22 की पहली तिमाही में पिछले साल के मुकाबले 35 से 40 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
रेल के जरिये ढुलाई किए जाने वाले सीमेंट वॉल्यूम में जून 2021 के दौरान मासिक आधार पर 22 प्रतिशत का इजाफा नजर आया है।
कोविड की दूसरी लहर के कारण राज्यों द्वारा लगाए गए लॉकडाउन और मार्च के मजबूत आधार के दोहरे असर की वजह से अप्रैल में वॉल्यूम में करीब 10 प्रतिशत का क्रमिक मध्य स्तर दिखने की संभावना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चूंकि बढ़ते मामलों के कारण पाबंदियोंं में तेजी आई थी, इसलिए मई 2021 में मार्च 2021 की तुलना में करीब 25 प्रतिशत की गिरावट देखी जाने की आशंका है।
जहां एक ओर वॉल्यूम में धीरे-धीरे तेजी आ रही है, वहीं दूसरी ओर पेट कोक, कोयले और डीजल की कीमतों में लगातार हो रहे इजाफे से सीमेंट कंपनियों को वित्त वर्ष 22 की पहली तिमाही में प्रति टन एबिटा में सीमित स्तर देखने को मिल सकता है।
वित्त वर्ष 22 की पहली तिमाही में कोयले के दाम वित्त वर्ष 21 के मुकाबले करीब 50 अधिक थे, जबकि पेट कोक के दाम 40 प्रतिशत अधिक थे।
वित्त वर्ष 21 की पहली तिमाही में डीजल के दाम सालाना आधार पर 20 से 25 प्रतिशत अधिक थे तथा वित्त वर्ष 21 के औसत से लगभग 15 प्रतिशत ज्यादा थे।
बिजली और ईंधन के साथ-साथ माल ढुलाई तथा फॉरवर्डिंग लागत में वृद्धि होने से जिंस के दामों में इजाफा होने के आसार हैं, क्योंकि कंपनियां धीरे-धीरे अपनी कम लागत वाला स्टॉक खपाती जा रही हैं। इसके अलावा पिछली कुछ तिमाहियों में फ्लाई ऐश और स्लैग की कीमतों में भी इजाफा हो चुका है।
वित्त वर्ष 21 में सीमेंट कंपनियों ने मुख्य रूप से देय राशि में वृद्धि और स्टॉक में कमी के कारण कार्यशील पूंजी में खासा निर्गमन देखा था, क्योंकि कंपनियों ने इस वैश्विक महामारी के दौरान धन के प्रबंधन को दुरुस्त करने की कोशिश की थी।
