मुल्क में अंगूर के प्रसंस्करण की गतिविधियों का नियमन करने और शराब उत्पादन के स्तर को और सुधारने के लिए सरकार ने पुणे में इंडियन ग्रेप प्रोसेसिंग बोर्ड (आईजीपीबी) स्थापित किया है।
नेशनल टी बोर्ड जैसे संस्थानों की तरह ही आईजीपीबी के पास भी शराब उत्पादन के लिए नियमन का अधिकार होगा। खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री सुबोध कांत सहाय ने बुधवार को पुणे में आईजीपीबी का उद्धाटन किया।
इस नए बोर्ड में शराब उद्योग, अंगूर के किसान, खाद्य प्रसंस्करण, राज्य सरकार, राज्य शराब बोर्ड, शोध संस्थान, होटल उद्योग और दूसरे प्रतिष्ठान से जुड़े प्रतिनिधि भी इसमें शामिल होंगे। नया बोर्ड अंगूरों की फसल और शराब उत्पादन की गुणवत्ता पर नियंत्रण और उसके स्तर को बेहतर बनाने की कवायद करेंगे।
बोर्ड भविष्य में प्रसंस्कृत अंगूरों के उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय बिक्री के लिए योजनाओं का मसौदा भी तैयार कर सकता है। आईसीपीबी को बनाने के लिए एक कंसल्टेंसी मिटकॉन को जिम्मा सौंपा गया है ।
इसके निदेशक प्रदीप बवाडेकर का कहना है, ‘आईजीपी एक स्वायत्त संस्था के तौर पर काम करेगी और अच्छे काम के माहौल और कड़े दिशा निर्देशों का पालन करेगी। इसके अलावा यह शोध और विकास, गुणवत्ता को बढ़ाने, बाजार का शोध, भारतीय शराब के घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रमोशन पर भी ध्यान देगी।’
आजकल भारतीय किसान 16 लाख टन अंगूर सालाना 60,000 हेक्टेयर जमीन पर उपजाते हैं।
