पंद्रह दिनों पहले असम के कामरुप जिले के एक गांव में सबसे पहले बर्ड फ्लू का पता लगाया गया था और अब छह जिलों में इसके फैलने से चिंताएं बढ़ गई हैं।
केंद्रीय पशुपालन और पशुचिकित्सा विभाग के सचिव एन गोकुलराम ने बताया कि छह जिलों में नौ जगहों पर इस खतरनाक विषाणु का प्रकोप फैल चुका है। इनमें चिरांग, बारपेटा, नलबाड़ी, कामरुप मेट्रो, कामरुप ग्रामीण और डिब्रूगढ़ शामिल हैं।
उत्तरी लखीमपुर और शिबसागर जिले में दो स्थानों पर पक्षियों और कुक्कुटों के बड़े पैमाने पर हुई मौत की रिपोर्ट को भी उन्होंने सही ठहराया है।
उन्होंने कहा कि सभी नौ प्रभावित स्थानों पर तकरीबन 3.18 लाख पक्षियों को मारा जा चुका है साथ ही 1.1 लाख अंडे भी नष्ट किए जा चुके हैं। पांच स्थानों पर पक्षियों को मारने का काम पूरा हो चुका है और अन्य चार स्थानों पर यह 16 दिसंबर तक संपन्न हो जाएगा।
कुक्कुटों के आकार के आधार पर सरकार क्षतिपूर्ति राशि के रुप में किसानों को 20,40 और 50 रुपये का भुगतान कर रही है। गोकुलराम ने कहा कि उत्तरी लखीमपुर और सिबसागर जिलों में अगर खून की जांच की रिपोर्ट सकारात्मक आती है तो पक्षियों को मारने का काम शुरू किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘उत्तरी लखीमपुर और सिबसागर जिले में दो स्थानों पर पक्षी और कुक्कुट काफी संख्या में मरे हैं। खून के नमूने जांच के लिए भेज दिए गए हैं और अगर ये पोजिटिव आते हैं तो इन दो स्थानों पर पक्षियों को मारने का काम शुरू कर दिया जाएगा।’
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार आवश्यक सहायता- आर्थिक और तकनीकी उपलब्ध करा रही है। साथ ही राज्य सरकार को आवश्यक उपकरण भी उपलब्ध कराए गए हैं।
यद्यपि राज्य के पोल्ट्री उद्योग को कुल कितना नुकसान हुआ है यह आंकना अभी बाकी है, गोकुलराम ने कहा यह करोड़ों में हो सकता है। इस मुद्दे पर बातचीत के लिए असम के मुख्य सचिव के साथ गोकुलराम की एक उच्च स्तरीय बैठक भी हुई थी।
केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से प्रभावित क्षेत्रों को सील करने कर देने को कहा है ताकि विषाणुओं को और अधिक फैलने से रोका जा सके। केंद्र ने मेघालय की सरकार से भी कार्रवाई करने को कहा है क्यों कि गुवाहाटी की खानपाड़ा सीमा के पास हाल ही में इस विषाणु की खोज की गई थी।
सबसे पहले 27 नवंबर को कामरुप जिले के हाजो से सटे एक गांव में बर्ड फ्लू का पता चला था। पंद्रह दिनों के भीतर ही छह अन्य जिले में इसका फैलना चिंता की बात बन गई है।
असम के स्वास्थ्य मंत्री हिमांत बी शर्मा इस बीमार से निपटने के मामले में राज्य के मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर पहले ही अपना संदेह जता चुके हैं।
अगर यह बिमारी इंसान को हो जाए तो महामारी का रूप ले सकती है। पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में भी बर्ड फ्लू फैलने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
मालदा के इंगलिशबाजार ब्लॉक से कुक्कुटों के मरने की खबर आई है लेकिन एआरडी ने इसकी पुष्टि नहीं की है। इंगलिशबाजार के बुधिया गांव में पिछले 24 घंटों के दौरान कम से कम 200 कुक्कुट मरे हैं।