त्रिपुरा में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद इस महामारी से पड़ोसी राज्यों को बचाने के लिए फौरी तौर पर इंतजाम शुरू हो गए हैं।
इसके चलते विशेषज्ञों की एक टीम पड़ोसी राज्यों असम और मेघालय में डेरा डाले हुए हैं। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि त्रिपुरा की सीमा से लगने वाले असम के करीमगंज और हालीकांडी जिलों में यह टीम स्थिति की समीक्षा कर रही है।
इसके बाद जरूरी कदमों को उठाने के लिए मेघालय के जयंतिया जिले में एक समीक्षा बैठक भी की गई। दूसरी ओर, त्रिपुरा में स्थिति पर काबू पाने के लिए मुर्गे-मुर्गियों को मारने का काम बुधवार को भी जारी रहा।
मेघालय पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. डी. खोंगला ने बताया कि मेघालय में अलर्ट घोषित कर दिया गया है और दूसरे राज्यों समेत बांग्लादेश से मुर्गे-मुर्गियों की खरीद फरोख्त पर पाबंदी लगा दी गई है। उनका यह भी कहना है कि डरने वाली कोई बात नहीं है, स्थिति काबू में है।
वैसे अभी तक विभाग ने फ्लू की जांच के लिए ब्लड सैंपल प्रयोगशाला में नहीं भेजे हैं। जनवरी में भारत-बांग्लादेश सीमा क्षेत्र से मंगाए गए चिकन के सैंपल भोपाल की प्रयोगशाला में भेजे गए थे, जहां पर सैंपल नेगेटिव पाए गए थे। इसके बाद से राज्य ने बाहर से पॉल्ट्री उत्पाद मंगाने पर रोक लगा दी थी। पश्चिम बंगाल में बर्ड फ्लू के चलते मेघालय में ऐसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए 150 विशेष टीमें बनाई थीं।