अंतरराष्ट्रीय बाजारों के बाद देश में भी बेस धातुओं की कीमतों में तेजी का रुख रहा। इससे जुड़े कारोबारियों का कहना है कि यूरो के मुकाबले डॉलर में आई मंदी और लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) में बेस धातुओं के भंडार को लेकर बनी अनिश्चितता ने बेस धातुओं की कीमतों में तेजी ला दी है।
सोमवार को वहां सभी बेस धातुओं में तेजी का रुख रहा और यह तेजी अब देशी वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) में भी आ पहुंची है। जून अनुबंध के लिए टिन की कीमतों में 3 फीसदी का उछाल आया और कीमतें बढ़कर 896.50 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गईं। वहीं दूसरी ओर लंदन मेटल एक्सचेंज में टिन की कीमतों में 4 फीसदी की तेजी आई और कीमतें चढ़कर 21,945 डॉलर प्रति टन तक पहुंच गईं।
जून अनुबंध के लिए निकल की कीमतों में 0.58 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और कीमतें 1,041 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गईं। दूसरी ओर जुलाई अनुबंध के लिए निकल की कीमतों में 0.72 फीसदी की तेजी आकर कीमतें 1,053 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गईं। देश में जिंस कारोबार से जुड़े एक विश्लेषक का मानना है कि अमेरिकी डॉलर के कमजोर होने और चीन में बेस धातुओं के भंडार में कमी आने की वजह से इनकी कीमतों में तेजी आई।
उनका कहना है कि कम भंडार के चलते चीन बेस धातुओं की खरीद और तेज कर सकता है जिसकी वजह से इनकी कीमतों में अभी और तेजी आ सकती है। जून अनुबंध के लिए तांबे की कीमतें 0.62 फीसदी बढ़कर 347.75 रुपये प्रति किलोग्राम हो गईं। वहीं तांबे के अगस्त अनुबंध के लिए कीमतों में 0.64 फीसदी की तेजी आई।