कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने अपने खरीदारों को ई-नीलामी के माध्यम से खरीदे गए कोयले के निर्यात की अनुमति दे दी है। सीआईएल ने अपनी ई-नीलामी से कोयले की बिक्री की नीति में बदलाव किया है और हाजिर ई-नीलामी व विशेष हाजिर ई-नीलामी आउटलेट्स के माध्यम से खरीदे गए कोयले के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटा लिया है।
कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि इस कदम से ई-नीलामी प्लेटफॉर्म पर कारोबार की मात्रा बढ़ेगी।
सीआईएल ने एक बयान में कहा है कि प्रावधानों के मुताबिक ई-नीलामी के तहत खरीदे गए कोयले का इस्तेमाल देश के भीतर ही किया जा सकता था और इसका निर्यात नहीं किया जा सकता था, जिसमें अप संशोधन किया गया है और अब इन दो नीलामियों की श्रेणी वाले इस शुष्क ईंधन के निर्यात के रास्ते खोल दिए गए हैं।
सीआईएल ने कहा है कि 2007 में ई-नीलामी की व्यवस्था पेश किए जाने के बाद से यह अपने तरह की अलग प्रगति है। सीआईएल ने अपने बिजली, स्टील, लौह और अन्य क्षेत्रों के ग्राहकों के साथ दीर्घावधि ईंधन आपूर्ति समझौता (एफएसए) किया है। इसके अलावा कंपनी नियमित रूप से अतिरिक्त कोयले की ई-नीलामी करती है। खरीदार अधिसूचित मूल्य के ऊपर अपनी बोली लगाते हैं।
सीआईएल ने एक बयान में कहा, ‘हालांकि कंपनी सीधे कोयले का निर्यात नहीं कर रही है, लेकिन दो नीलामी खिड़कियों के तहत कोयला खरीदने वालों को इसके निर्यात की अनुमति दे रही है, जिससे कंपनी की बिक्री को गति मिलेगी। अगर इस निर्यात को विदेश से अच्छी प्रतिक्रिया मिलती है तो हम हाजिर ई-नीलामी में कोयले की मात्रा बढ़ा सकते हैं।’
निर्यात के मामले में कोयला खरीदार व निर्यातक को पूरी तरह से सरकार के सभी वैधानिक दिशानिर्देशों और नियमों का पालन करना होगा और कानूनी बाध्यताओं की पूरी जिम्मेदारी उनकी होगी।
हाजिर ई-नीलामी का मतलब ट्रेडर्स सहित भारत के कोयला खरीदारों की सभी श्रेणियों से है। विशेष हाजिर ई-नीलामी 2016 में पेश की गई थी, जो हर मामले में पहले के समान है, जिसमें कोयला बढ़ी हुई समयावधि में उठाया जा सकता है।
सीआईएल के अधिकारियों ने कहा कि इस कदम से सीआईएल की ई-नीलामी के माध्यम से कोयले की बिक्री की मात्रा बढ़ेगी। उन्होंने कहा, ‘हमें अधिसूचित मूल्य पर नीलामी में प्रीमियम मूल्य मिलेगा। अब निर्यात की अनुमति होगी, ऐसे में हम उम्मीद कर रहे हैं कि और उद्योग आगे आएंगे और नीलामी में हिस्सा लेंगे।’
चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीने में ई-नीलामी से कोल इंडिया के कोयले की बिक्री में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 52.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
