देश की सबसे बड़ी सीमेंट निर्माता कंपनी एसीसी कुछेक हफ्ते में राष्ट्रीय स्तर पर अपने उत्पादों की कीमतें पुनर्निधारित कर सकती है।
कीमतों में कटौती और बढ़ोतरी दोनों हो सकती है। बिक्री के लिहाज से 8,000 करोड़ रुपये की कंपनी एसीसी, जो साल 2010 तक अपनी कुल क्षमता 226.30 लाख टन से बढ़ा कर 305.80 लाख टन कर रही है, की उपस्थिति हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और कर्नाटक में है।
कंपनी के मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी जे दत्ता गुप्ता ने कहा, ‘मांग-आपूर्ति परिस्थितियों को देखते हुए हम कुछ क्षेत्रों में कीमतें घटा सकते हैं और इसी तरह अन्य क्षेत्रों में कीमतों में इजाफा कर सकते हैं।’ यह पूछे जाने पर कि कंपनी किन क्षेत्रों में कीमतें घटाई और बढ़ाई जाएंगी दत्ता गुप्ता ने कहा कि कंपनी कुछेक हफ्ते में इस पर निर्णय करेगी।
पिछले छह महीने से सीमेंट खपत की वृध्दि दर 8 प्रतिशत से अधिक पर बरकरार है। ग्रामीण, अर्ध्द-शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ चुनावपूर्व मांग के कारण मांग में तेजी आई है। मार्च की तिमाही में कीमतों में बढ़ोतरी से सीमेंट उद्योग एक बार फिर से प्रकाश में आया है। यह कदम वैसे समय में उठाया गया जब सरकार घरेलू बाजार में विनिर्माण कमोडिटी की मांग बढ़ाने के उपाय कर रही थी।
सीमेंट उद्योग ने लगभग तीन चरणों में कीमतों में 12 से 15 रुपये प्रति बोरी की बढ़ोतरी की थी। दिल्ली के बाजार के बारे में कंपनी का कहना था, ‘एक अप्रैल के बाद से एसीसी ने दिल्ली में कीमतें नहीं बढ़ाई हैं और निकट भविष्य में यहां कीमतें बढ़ाए जाने की कोई संभावना नहीं है। दिल्ली में एसीसी सीमेंट की खुदरा कीमतें 50 किलोग्राम की प्रत्येक बोरी के लिए 233 से 235 रुपये है।’
