दो साल बाद दीवाली मेवा कारोबारियों के लिए खुशियां लेकर आई है। इस साल दीवाली पर मेवों की बिक्री पिछले साल से ज्यादा होने की संभावना है। कारोबारियों के मुताबिक आम ग्राहक, मिठाई वालों से लेकर गिफ्ट के लिए मेवों की मांग खूब है। पिछली दीवाली पर अफगान संकट के कारण मेवों की आपूर्ति बाधित होने से दाम काफी बढ़े थे। लेकिन इस बार ज्यादातर मेवों का आयात खूब हुआ क्योंकि अफगान संकट भी दूर हो गया है। साथ ही कारोबारियों ने अफगान के अलावा अन्य मेवा आयातक देशों से भी माल मंगाया है। कोरोना की मार खत्म होने से भी मेवों की बिक्री बढने को बल मिला है।
इंटरनैशनल फ्रूट्स ऐंड नट्स ऑर्गेनाइजेशन व क्लास एलजोन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक रवींद्र मेहता ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि कोरोना के कारण बीते दो साल दीवाली पर मेवों की मांग कमजोर ही रही। लेकिन अब कोरोना खत्म होने से इस साल मेवों की मांग भी बढ़ी है। इस दीवाली कॉरपोरेट क्षेत्र ने भी कर्मचारियों व अन्य को गिफ्ट देने के लिए मेवों की खरीद पिछले साल से ज्यादा की है।
इस साल मेवा कारोबार 10 फीसदी बढ़कर 25,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। खारी बावली के मेवा कारोबारी दलजीत सिंह कहते हैं कि पिछले साल मेवे महंगे होने से बिक्री कम हुई थी। इस साल मेवों के दाम बढ़े नहीं है। साथ ही इस बार आम से लेकर खास सभी उत्साह से दीवाली मना रहे हैं। कोरोना खत्म होने से मिठाई निर्माताओं को भी मिठाई की बिक्री बढ़ने की उम्मीद है।
