चाय की चुस्की आपके लिए जल्द ही मुहाल हो सकती हैं। दरअसल दुनिया भर में चाय की जबरदस्त किल्लत होती जा रही है।
खास तौर पर चाय का उत्पादन करने वाले तीन प्रमुख देशों भारत, श्रीलंका और केन्या में 8 से 10 करोड़ किलोग्राम चाय की कमी आंकी जा रही है। इनमें भी भारत की हालत ज्यादा खराब है क्योंकि यहां फसल भी खराब हो गई है।
कोलकाता में चाय की सार्वजनिक नीलामी कराने वाले एकमात्र लाइसेंसशुदा और आधिकारिक संगठन कलकत्ता चाय व्यापारी संघ (सीटीटीए) के पूर्व चेयरमैन अजाम मुनीम ने बताया कि उत्तर भारत में ही अप्रैल के महीने में 1.5 से 2 करोड़ किलो चाय की कमी हो रही है।
आम तौर पर इस दौरान इस क्षेत्र में होने वाली उपज में इस बार 40 से 50 फीसदी की कमी है। इसके अलावा मांग के हिसाब से तकरीबन 2.5 करोड़ किलो चाय की कमी पहले से ही बनी हुई है। दोनों को मिला दें, तो उत्तर भारत में 4.5 करोड़ किलो चीनी की किल्लत है। दक्षिण भारत में भी तकरीबन 1.4 करोड़ किलो चाय कम उपजाई जा रही है।
यूनाइटेड प्लांटर्स एसोसिएशन ऑफ सदर्न इंडिया के महासचिव उल्लास मेनन ने बताया कि मार्च तक चाय की उपज में 1.4 करोड़ किलो की कमी थी, जो 35 फीसदी कम है। अप्रैल में भी इसे झेलना पड़ेगा। उद्योग के प्रतिनिधियों ने बताया कि भारत में ही तकरीबन 6 करोड़ किलो चाय की कमी होगी। मार्च और अप्रैल में उत्तर भारत में उपज का जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई होना मुश्किल ही है।
यही वजह है कि चाय की कीमत भी तेजी से बढ़ती जा रही है। दोआर चाय की कीमत में 25 से 30 रुपये प्रति किलो का इजाफा हो गया है, जबकि असम की चाय 20 रुपये किलो महंगी हो गई है। दक्षिण भारत की चाय भी 8 से 9 रुपये किलो महंगी हो गई है।
