वित्त वर्ष 2008-09 की पहली दो तिमाहियों में तंबाकू के निर्यात में 67 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यह 1,610 करोड़ रुपये का रहा जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 961.81 करोड़ रुपये था।
इस अवधि के दौरान कुल 1,24,178 टन तंबाकू का निर्यात किया गया जो पिछले साल के 97,626 टन की तुलना में 27 प्रतिशत अधिक है।तंबाकू बोर्ड के अध्यक्ष जे सुरेश बाबू ने कहा कि अच्छे अंतरराष्ट्रीय बाजार का लाभ उठाते हुए कारोबारियों ने निर्यात में महत्वपूर्ण वृध्दि दर्ज की है।
कुल निर्यात में तंबाकू के पत्तों का योगदान 1,10,489 टन (1,335.81 करोड़ रुपये) का रहा जबकि तंबाकू के अन्य उत्पादों के 13,689 टन का निर्यात किया गया जिसकी कीमत 274.31 करोड़ रुपये रही। 1,102.22 करोड़ रुपये मूल्य (87,278 टन) के फ्लू क्योर्ड वर्जीनिया तंबाकू का कारोबार विदेशों में किया गया था।
पिछले साल की पहली दो तिमाहियों की तुलना में इस साल परिमाण की दृष्टि से इसमें 22 प्रतिशत और कीमत के नजरिये से इसमें 77 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। कई अवरोधों के बावजूद पश्चिमी यूरोप भारतीय तंबाकू का सबसे बड़ा खरीदार बन कर उभरा।
पश्चिमी यूरोप ने 35,423 टन भारतीय तंबाकू की खरीदारी की जिसकी कीमत 456.79 करोड़ रुपये रही। पिछले साल यूरोपीय देशों ने 23,902 टन भारतीय तंबाकू (224.25 करोड रुपये) की खरीदारी की थी। दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया भारतीय तंबाकू के दूसरे सबसे बड़े खरीदार रहे। इन देशों ने 28,903 टन (373.91 करोड़ रुपये मूल्य का जो पिछले वर्ष के 213.36 करोड़ रुपये की तुलना में अधिक है) का आयात किया।
हालांकि, भारतीय तंबाकू के परंपरागत खरीदार पूर्वी यूरोप को किए जाने वाले निर्यात में अभी तक तेजी नहीं आई है। इन देशों ने 16,751 टन की खरीदारी की है जबकि पिछले वर्ष इन्होंने 16,329 टन की खरीदारी की थी। अफ्रीकी देशों ने 13,503 टन, पश्चिम एशियाई देशों ने 7,713 टन, उत्तरी तथा दखिणी अमेरिका ने 6,114 टन और ऑस्ट्रेलिया ने 2,804 टन भारतीय तंबाकू का आयात किया।
तंबाकू के उत्पादों में सिगरेट की हिस्सेदारी 3,306 टन (93.56 करोड़ रुपये), च्यूइंगमजर्दा की 3,976 टन (110.19 करोड़ रुपये), बीड़ी की 331 टन (17.39 करोड़ रुपये) और कटे हुए तंबाकू की 2,471 टन रही।