मौजूदा वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में प्राकृतिक रबर के निर्यात में 65 फीसदी का जबरदस्त उछाल देखने को मिला है।
केरल के कोट्टायम स्थित रबर बोर्ड के मुताबिक, वित्त वर्ष 2008-09 के अप्रैल से अगस्त के दौरान कुल 26,704 टन रबर का निर्यात किया गया। जबकि पिछले साल इन्हीं महीनों में महज 16,232 टन रबर का निर्यात हो पाया था।
बोर्ड का अनुमान है कि इस साल अगस्त के आखिर तक रबर का कुल भंडार 1,08,600 टन तक पहुंच चुका है। पिछले साल इस अवधि तक रबर का कुल भंडार केवल 82,607 टन ही रहा था। दूसरी ओर विरोधाभासी तथ्य यह है कि रबर उद्योग से जुड़े लोगों और कारोबारियों का कहना है कि इस साल कारोबार करने लायक रबर का भंडार 80 हजार टन से भी नीचे जा सकता है।
इन लोगों का कहना है कि ऐसी स्थिति में रबर की कीमतों को बढ़ने से नहीं रोका जा सकता। रबर बोर्ड इन चिंताओं को निराधार मानता है। बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक, इस बार बेहतर गुणवत्ता के रबर का भंडार एक लाख टन से अधिक ही रहेगा लिहाजा चिंता की कोई बात नहीं है। अधिकारियों ने विश्वास जताया कि रबर का मुख्य सीजन अभी चल रहा है, ऐसे में रबर के भंडार में अक्टूबर के बाद फिर वृद्धि होगी।
बोर्ड के मुताबिक, रबर की खपत में 6.8 फीसदी की दर से बढ़ोतरी हो रही है। इस साल अप्रैल से अगस्त तक कुल 3,71,460 टन रबर की खपत हुई जबकि पिछले वित्त वर्ष में इसी दौरान 3,47,915 टन रबर की खपत हुई थी।
वहीं मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में रबर के निर्यात में 26 फीसदी की वृद्धि हुई। वहीं अप्रैल से अगस्त के दौरान रबर निर्यात में वृद्धि की दर में काफी अधिक वृद्धि हुई और यह 38 फीसदी हो गई है। दूसरी ओर प्राकृतिक रबर के आयात में तेजी से कमी हो रही है।
2007-08 में अप्रैल से अगस्त के दौरान 35,154 टन प्राकृतिक रबर का आयात किया गया लेकिन मौजूदा वित्त वर्ष में इस दौरान रबर आयात में 8,646 टन की कमी हुई। इस अगस्त में रबर आयात में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में काफी कमी हुई है। पिछले अगस्त में कुल 6,839 टन रबर आयात किया गया था जबकि इस साल अगस्त में केवल 2,726 टन रबर ही आयात किया गया।