उत्तर प्रदेश में मार्च के महीने में पहले तेज गरमी और फिर जोरदार बारिश ने रबी की अधिकांश फसल को बर्बाद कर दिया है। कटने को तैयार खड़ी गेहूं, सरसों, चना और मसूर की फसल खेतों में ही गिर कर चौपट हो गयी है। किसानों की बदहाली को देखते हुए प्रदेश सरकार ने बारिश से खराब हुयी फसल की भी सरकारी खरीद करने का फैसला किया है।
मार्च के आखिरी दो दिनों की बारिश के बाद गेहूं और सरसों की 50 फीसदी से ज्यादा फसल के खराब हो जाने का अनुमान है। इससे पहले बीते महीने की शुरुआत से पड़ रही तेज गर्मी के चलते गेहूं के पक रहे दाने पतले और कमजोर होने लगे थे। इसके बाद महीनों में बारिश की दो तेज लहरों, ओलावृष्टि और अंधड़ ने किसानों की रही सही उम्मीद को ध्वस्त कर दिया है।
कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में केवल दस जिलों आगरा, बरेली, वाराणसी, लखीमपुर खीरी, उन्नाव, हमीरपुर, झांसी, चंदौली, बरेली और प्रयागराज में ही आकलन के मुताबिक 34137 हेक्टेयर फसलों को भारी नुकसान हुआ है। इस नुकसान का आकलन 15 मार्च से लेकर अब तक किया गया है। अब तक के आकलन के मुताबिक 1.02 लाख किसान बारिश, अंधड़ से प्रभावित हुए हैं फसल खराब हुयी है। सबसे ज्यादा पूर्वी जिलों वाराणसी में 13112 हेक्टेयर, प्रयागराज में 448 हेक्टेयर और बुंदेलखंड में ललितपुर में 6216 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुयी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों पर इन किसानों को 56.38 करोड़ रुपये का मुआवजा बांटा जाएगा। शुक्रवार और शनिवार को प्रदेश में हमीरपुर, संभल, मुरादाबाद, पीलीभीत, अलीगढ़, बरेली, सीतापुर, उन्नाव और सोनभद्र में ओले गिरे हैं जिसके चलते सूखी खड़ी फसल और कटे हुए गेहूं का जबरदस्त नुकसान हो गया है। कुछ जिलों में आलू की खोदाई अंतिम चरण में थी वहां भी नुकसान का अंदेशा है।
उद्यान विभाग के अधिकारियों का कहना है कि खराब मौसम का असर आम की फसल पर भी पड़ा है। बौर के सीजन में शुरु हो गयी तेज गर्मी से प्रभाव पड़ा और फिर अंधड़, ओले गिरने और जोरदार बारिश के चलते आम की पैदावार उम्मीद से काफी होने के आसार हैं। राजधानी लखनऊ के फल पट्टी क्षेत्र के बागवानों का कहना है कि इस समय बौर और कच्चे आम देख कर बागानों का बोली लगती है। कमजोर फसल को देखते हुए उनके बागों की नीलामी या तो नहीं होगी या फिर दाम कम मिलेंगे और खासा आर्थिक नुकसान होगा।
गेहूं के साथ ही रबी की अन्य फसलों में सरसों, चना और मसूर को भी नुकसान पहुंचा है। बहुत से जिलों में सरसों की कटी फसल खलिहान में ही पानी में डूब गयी है।
मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश के विभिन्न जिलों फसल क्षति का सर्वे करा तत्काल प्रभावित किसानों को कृषि निवेश राहत अनुदान दिए जाने के निर्देश दिए हैं। राहत आयुक्त कार्यालय के मुताबिक बीते 24 घंटों में बिजली गिरने व अन्य कारणों से सात लोगों की मौत भी हुयी है।