वाहन उद्योग को मंदी की पथरीली सड़क बहुत भारी पड़ रही है। मंदी के कारण इस उद्योग की बिक्री में काफी गिरावट आई है।
भारतीय वाहन निर्माताओं के संगठन (सियाम) की ओर से जारी किए गए आंकड़ो के अनुसार अक्टूबर का त्योहारी महीना भी ऑटो कंपनियों को बिक्री में हो रही गिरावट से राहत नहीं दिला पाया है।
संगठन के आंकड़ो के मुताबिक अक्टूबर के दौरान वाहनों की बिक्री में 14.42 फीसदी की गिरावट आई है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में इस उद्योग की बिक्री की विकास दर घटकर मात्र 5.64 फीसदी हो गई है।
सियाम के आंकड़ो के अनुसार अक्टूबर के महीने में सभी वाहन कंपनियों ने कुल मिलाकर 8.65 लाख वाहनों की बिक्री की। जबकि पिछले वित्त वर्ष में इसी समयावधि के दौरान यह आंकड़ा 10.11 लाख इकाइयों की बिक्री का था। चालू वित्त वर्ष के दौरान ऑटो उद्योग की बिक्री में आने वाली यह सबसे तेज गिरावट है।
पिछले वित्त वर्ष के दौरान ऑटो उद्योग ने 12 फीसदी की दर से विकास किया था। लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि अगर ऐसे ही हालात रहे तो इस साल उद्योग की विकास दर का दहाई के आंकड़े तक पहुंच पाना भी काफी मुश्किल है।
सियाम के महानिदेशक दिलीप शेनॉय ने बताया, ‘अगर बाजार में यही नकारात्मक रुख जारी रहा तो चालू वित्त वर्ष की अगली छमाही में हम अभी तक की सबसे कम दर से विकास करेंगे।’ विश्लेषकों ने यहां तक कह डाला है कि चालू वित्त वर्ष में ऑटो उद्योग की विकास दर 6 फीसद से ज्यादा नहीं हो सकती है।
अक्टूबर के महीनें में ही साल भर में होने वाली कुल बिक्री की 15 फीसदी बिक्री होती है। लेकिन इस साल इस दौरान बिक्री में आने वाली गिरावट का मुख्य कारण है ऋण की कमी। देश में होने वाली वाहनों की कुल बिक्री में से लगभग 70 फीसदी वाहनों की बिक्री लोन के जरिए होती है।
व्यावसायिक वाहनों की बिक्री के लिए तो यह आंकड़ा 90 फीसदी है। दूसरी वजह है तेजी से नीचे गिरता स्टॉक मार्केट। त्योहारी मौसम में ज्यादा मांग होने की उम्मीद से कंपनियों ने उत्पादन बढ़ा दिया था। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया और कंपनियों के पास माल जमा हो गया। इसके चलते अब कंपनियां कम उत्पादन कर रही हैं।
अक्टूबर के महीने में यात्री कारों की बिक्री में 9 फीसदी की गिरावट आई है। जिसकी वजह से चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में इस श्रेणी की बिक्री विकास दर घटकर 4 फीसद हो गई है। इस दौरान मारुति की बिक्री में 8 फीसद की कमी आई है। जबकि हुंडई ने आई-10 के कारण अपनी 10 फीसद की विकास दर बरकरार रखी है।
त्योहारी मौसम में दोपहिया वाहनों की बिक्री की रफ्तार भी धीमी ही रही। अक्टूबर के दौरान इसमें 14.4 फीसद की गिरावट देखी गई। इससे पहली छमाही में दोपहिया वाहनों की बिक्री की विकास दर 6.65 फीसद हो गई।
पिछले महीने मोटरसाइकिलों की बिक्री का आंकड़ा 5.38 लाख रहा। जबकि पिछले वित्त वर्ष में इसी समयावधि के दौरान यह आंकड़ा 6.57 लाख मोटरसाइकिलों की बिक्री का था। इस दौरान हीरो होंडा की बिक्री में 5 फीसद की कमी और बजाज ऑटो की बिक्री में 50 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि इस दौरान तिपहिया वाहनों की बिक्री में 7 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। लेकिन कार और दोपहिया कंपनियों को मायूसी ही हाथ लगी।