वैश्विक आर्थिक संकट के बावजूद लक्जरी कार बाजार इससे अछूता रहा है।
भारतीय बाजार में प्रवेश कर चुकी मर्सिडीज, बीएमडब्ल्यू, ऑदी, पोर्श, रॉल्स रॉयस और बेंटली जैसी कंपनियों ने हाल के महीनों में शानदार विकास दर हासिल की है।
पोर्श इंडिया को इस साल कारों और स्पोट्र्स यूटीलिटी व्हीकल्स (एसयूवी) की बिक्री दोगुनी होकर 200 पर पहुंच जाने की उम्मीद है जो पिछले साल महज 101 यूनिट थी। कंपनी को विश्वास है कि बैंकों के साथ विशेष करार के जरिये विशेष वित्तीय पहलों से मांग में इजाफा होगा।
पोर्श इंडिया के प्रबंध निदेशक रोड वैलेस ने कहा, ‘लक्जरी बाजार में दिलचस्पी बरकरार है। हम इस उत्साह को देखते हुए अगले साल दो और मॉडल लॉन्च कर रहे हैं।’ पोर्श इंडिया घरेलू बाजार में 50 लाख रुपये से 2 करोड़ रुपये तक की रेंज में बॉक्स्टर, केमैन, 911 और केएनी कारों और एसयूवी की बिक्री करती है।
अपनी मांग में इजाफा करने के लिए कंपनी ने 5 और डीलरों को जोड़े जाने का फैसला किया है। ये डीलर पंजाब, हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई में अगले कुछ महीनों में कंपनी के डीलर नेटवर्क में शामिल हो जाएंगे। इसके अलावा कंपनी अगले दो सप्ताहों में इंस्टॉलमेंट स्कीमों को आसान और प्रतिस्पर्धी बनाए जाने के लिए एक वित्तीय घराने के साथ एक समझौता करेगी।
मर्सिडीज बैनर वाली कारों की बिक्री करने वाली डैमलर इंडिया ने बिक्री में 61 फीसदी का इजाफा दर्ज किया है। इस बिक्री में 20 फीसदी भागीदारी बेहद महंगी रेंज ‘एस क्लास’ की रही। कंपनी ने चालू वर्ष के पहले 6 महीनों के दौरान 1805 वाहनों की बिक्री की।
इसी तरह जर्मन कंपनी बीएमडब्ल्यू ने दोगुना इजाफा कर 1460 यूनिट की बिक्री की जो पिछले साल के समान महीने में 736 यूनिट थी। स्थानीय एसेंबलिंग और डीलरशिप नेटवर्क का विस्तार किए जाने के कारण कंपनी को यह बढ़त मिली है। कंपनी 27 लाख रुपये से 1.3 करोड़ रुपये की कीमत रेंज में भारत में 7 मॉडलों की बिक्री करती है।
एक वाहन विशेषज्ञ का कहना है कि हालांकि लक्जरी या स्पोट्र्स कारों की सालाना बिक्री अन्य देशों की तुलना में कम है, लेकिन इसमें तेज गति से इजाफा हो रहा है। भारत में 3 मॉडलों की बिक्री करने वाले ब्रिटिश ब्रांड रॉल्स रॉयस ने भी पिछले साल की तुलना में बिक्री में इजाफा दर्ज किया है।
पिछले साल कंपनी ने 11 यूनिट की बिक्री की थी, लेकिन इस बार यह संख्या बढ़ कर 15-16 यूनिट हो गई है। रॉल्स रॉयस के डीलर नवनीत मोटर्स के निदेशक शरद कचालिया ने कहा, ‘पिछले साल भारत में 11 वाहन बेचे गए और इस साल यह संख्या बढ़ कर 15-16 हो गई है। यदि मांग इसी तरह बनी रही तो अगले साल बिक्री का यह आंकड़ा बढ़ कर 18-20 यूनिट पर पहुंच सकता है।’
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रमुख ब्रांड बेंटली भी वाहनों की बिक्री में पीछे नहीं रही है। कंपनी ने भारतीय बाजार के लिए 25 यूनिट नियत की हैं। हालांकि कंपनी के प्रबंधन ने इस साल की बिक्री के वास्तविक आंकड़ा देने से इनकार कर दिया है। प्रबंधन को भरोसा है कि कंपनी इस साल के अंत तक वह 25 कारों की बिक्री करने में सफल रहेगी।