महंगाई, ईंधन और मंदी की मार से भारतीय वाहन कंपनियों के लिए देशी बाजार तो खुशनुमा साबित नहीं हो रहा है, लेकिन विदेशों में उनकी रफ्तार जोरों पर है।
निर्यात का नाम लेते ही इन कंपनियों के मुरझाए चेहरे खिल जाते हैं क्योंकि निर्यात के आंकड़े दिनोंदिन बढ़ते जा रहे हैं। मारुति सुजुकी, हुंडई मोटर, टाटा मोटर्स जैसी कार कंपनियां निर्यात में अच्छा कारोबार करने में जुटी हैं। इस साल भी उन्हें निर्यात बढ़ने की उम्मीद है।
यात्री कार बनाने वाली देश की पहले नंबर की कंपनी मारुति के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि निर्यात का बाजार उनके लिए पूरी तरह खुला हुआ है। उन्होंने कहा, ‘घरेलू बाजार चाहे जैसा हो, लेकिन विदेशों में हमारे उत्पादों की मांग बनी हुई है। पिछले साल हमने लगभग 53,000 कार निर्यात की थीं और इस साल हमें यह आंकड़ा काफी ज्यादा होने की उम्मीद है।’
हालांकि उन्होंने इस साल के निर्यात का कोई लक्ष्य बताने से इनकार कर दिया, लेकिन पिछले साल के मुकाबले उसमें अच्छे इजाफे की बात कही। मारुति इसी साल अक्टूबर-नवंबर में कॉम्पैक्ट वर्ग में नई कार ‘ए स्टार’ भी लॉन्च करने वाली है। कंपनी को उम्मीद है कि विदेशों में उसकी भी अच्छी मांग होगी। कार बाजार की दूसरी सबसे बड़ी खिलाड़ी हुंडई निर्यात के मामले में सबसे आगे है। कंपनी ने पिछले साल 2.12 लाख कारें निर्यात की थीं। इस साल ढाई लाख से ज्यादा कार निर्यात होने की उम्मीद है।
हुंडई के प्रवक्ता ने कहा, ‘हालांकि भारत में भी हमारी बिक्री अच्छी खासी रही है, लेकिन निर्यात के आंकड़ों से हम बहुत खुश हैं। खास तौर पर हमारे आई 10 और सैंट्रो मॉडलों की विदेशों में जबरदस्त मांग है, जिससे वहां अच्छा कारोबार रहता है।’ टाटा मोटर्स भी निर्यात पर ज्यादा ध्यान दे रही है, लेकिन रुपये की कीमत में उतार चढ़ाव से उसे विदेशों में वाहन बिक्री ज्यादा बढ़ने की उम्मीद नहीं है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ‘विदेशों में हमारा बाजार काफी बड़ा है। छोटी कार से लेकर हम ट्रक और बस तक सभी कुछ बनाते हैं, जिनकी बाहर अच्छी मांग है। लेकिन रुपये में उतार चढ़ाव से इस साल निर्यात ज्यादा नहीं होगा।’
टाटा मोटर्स ने वर्ष 2003-04 में 22,000 वाहनों का निर्यात किया था। पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का निर्यात आंकड़ा 55,000 से कुछ ज्यादा रहा। टाटा तमाम देशों में यात्री कारों से लेकर व्यावसायिक वाहनों तक का निर्यात करती है, जिनमें लैटिन अमेरिका और अफ्रीका के देश प्रमुख हैं।
छोटी कारों की धूम
मारुति भी लैटिन अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका, पश्चिम एशिया, फिजी, कैमरून, यमन, श्रीलंका, बंगलादेश, भूटान, इंडोनेशिया जैसे देशों में अपनी कारों का निर्यात करती है। कंपनी के मारुति 800 और आल्टो मॉडल विदेशों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं।
हुंडई की भी कॉम्पैक्ट वर्ग की कारों की ज्यादा मांग है। कंपनी प्रवक्ता ने बताया कि आई 10 और सैंट्रो को सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है। पिछले साल 93,067 सैंट्रो कार की गई थीं, लेकिन इस बार पहली छमाही में केवल 19,845 सैंट्रो निर्यात हुई हैं क्योंकि आई 10 की मांग ज्यादा है।