सरकारी कर्मचारियों को लुभाने के लिए भारतीय ऑटो कंपनियों ने पूरी तैयारी कर ली है। आर्थिक मंदी के कारण ग्राहकों की बेरुखी झेल रहे इस उद्योग को सरकारी कर्मचारियों से काफी उम्मीदें हैं।
दरअसल छठे वित्त आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद अब सरकारी कर्मचारियों को काफी सारी रकम एक साथ मिलने वाली है। टाटा मोटर्स, हुंडई, जनरल मोटर्स और मारुति सुजुकी जैसी कंपनियों ने खास तौर पर सरकारी कर्मचारियों को ध्यान में रखकर कई योजनाएं शुरू की हैं।
वेतन बढ़ाने की आयोग की सिफारिशों से लगभग 50 लाख लोगों का वेतन 70 फीसदी तक बढ़ जाने की उम्मीद की जा रही है। आयोग की यह सिफारिश जनवरी 2006 से लागू होगी। इसका मतलब है सरकारी कर्मचारियों को एकमुश्त अच्छी खासी रकम मिलेगी। इसके साथ ही उनके वेतन में भी इजाफा होगा।
हुंडई मोटर इंडिया के उपाध्यक्ष (सेल्स और मार्केटिंग) अरविंद सक्सेना ने बताया, ‘सरकारी कर्मचारी उन्हें मिलने वाली रकम का इस्तेमाल कार खरीदने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘अगर यह रकम 70,000-80,000 रुपये है। तो ग्राहक इसका इस्तेमाल नगद भुगतान करने के लिए कर सकते हैं। इसके बाद ग्राहक बिना किसी मुश्किल के 6,000-7,000 रुपये की मासिक किस्त का भुगतान कर सकता है। वेतन बढ़ने से इस मासिक किस्त का उनकी जेब पर अतिरिक्त भार भी नहीं पडेग़ा।’
हुंडई सैंट्रो, आई-10, गेट्ज, एक्सेंट और वेरना जैसी गाड़ियों पर 10,000-31,000 रुपये तक की छूट दे रही है। कंपनी ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक के साथ इन कर्मचारियों को आसान शर्तो पर कर्ज मुहैया कराने के लिए करार भी किया है।
उद्योग के सूत्रों का मानना है कि टाटा भी सरकारी कर्मचारियों को कुछ इसी तरह की आकर्षक छूट दे सकती है। हालांकि कंपनी के प्रवक्ता ने इस बारे में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि कंपनी अपनी मार्केटिंग योजनाओं का खुलासा नहीं करती है। इसी तरह अमेरिकी वाहन कंपनी जनरल मोटर्स भी खरीददारों को 3,000-5,000 रुपये तक की छूट दे रही है। यह छूट कंपनी की पहले से चल रही ‘बचाओ 58,000 रुपये तक’ योजना से बिल्कुल अलग है।
बढ़ती महंगाई दर को रोकने के लिए ब्याज दर बढ़ाने के रिजर्व बैंक के फैसले का सबसे खराब असर ऑटो उद्योग पर ही पड़ा है। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी के कारोबार पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा है।
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कंपनी की बिक्री में 4.5 फीसदी का मामूली इजाफा हुआ है। गिरती बिक्री को बढ़ाने के लिए मारुति ने लगभग 46 लाख सरकारी कर्मचारियों को लक्षित कर ‘व्हील्स ऑफ इंडिया’ नाम से कैंपेन भी लॉन्च किया है।