दूसरे दक्षिण एशियाई प्रवासी सम्मेलन को संबोधित करते हुए चिदंबरम ने कहा, हमें लगता है कि रपये की विनिमय दर आज पहले से बेहतर है और हमें विश्वास है कि उतार-चढ़ाव और सट्टेबाजी काफी हद तक नियंत्रित कर ली गई है।
उन्हांेने कहा, विनियम दरांे मंे इस साल मई से अगस्त के दौरान काफी उतार-चढ़ाव रहा। इसके कारण सब जानते हैं। इससे कई मुद्राएं प्रभावित हुईं।
चिदंबरम ने कहा कि रिजर्व बैंक ने कई कदम उठाये हैं, जिनमें से कुछ निश्चित रूप से आपात उपाय हैं। एक बार उतार-चढ़ाव थमने के बाद इनमंे से कुछ कदमांे को वापस लिया जाएगा।
इस साल अप्रैल से अगस्त के दौरान डालर के मुकाबले रपया 30 प्रतिशत टूटा था। 28 अगस्त को यह अपने सर्वकालिक निचले स्तर 68.85 प्रति डालर पर आ गया। हालांकि उसके बाद से रपया सुधर रहा है। सुबह के कारोबार मंे यह 62.94 प्रति डालर पर चल रहा था।