अप्रैल में हल्के ट्रकों और यूवी की सुस्त पड़ी रफ्तार | स्वराज बग्गोणकर / May 10, 2013 | | | | |
वाहन उद्योग में सुस्ती के कारण अधिक बिक्री दर्ज करने वाले यूटिलिटी व्हीकल और हल्के वाणिज्यिक वाहन खंड की रफ्तार भी धीमी होग गई है। कमजोर ग्राहक धारणा और केंद्र सरकार द्वारा
वाहन विनिर्माताओं के संगठन सायम के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में यूटिलिटी वाहनों की बिक्री 40,563 वाहन रही जो पिछले वित्त वर्ष के दौरान 46,000 वाहनों की औसत मासिक बिक्री से कम है। इसके अलावा पिछले साल यूटिलिटी व्हीकल खंड में 52 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी जबकि इस साल अप्रैल में अतिरिक्त करों के कारण यह घटकर महज 4 फीसदी रही। महिंद्रा ऐंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स जैसी यूटिलिटी वाहन विनिर्माताओं ने उत्पाद शुल्क में 3 फीसदी की अतिरिक्त वृद्धि के मद्देनजर अपने वाहनों के दाम बढ़ा दिए हैं। पिछले कुछ महीनों के दौरान महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के एसयूवी मॉडल महिंद्रा क्वांटो, स्कॉर्पियो व एक्ययूवी500 और टाटा मोटर्स के एसयूवी मॉडल टाटा सफारी व सूमो की मांग में जबरदस्त कमी दर्ज की गई है। हालांकि कंपनियों को उम्मीद है कि इस खंड में विशेषकर कॉम्पैक्ट एसयूवी खंड में नए मॉडल उतारने से मांग में गिरावट थम सकती है।
जनरल मोटर्स के उपाध्यक्ष (कॉरपोरेट मामले) पी बालेंद्रन ने कहा, 'इस समय बाजार में काफी नकारात्मक धारणाएं मौजूद हैं और जब तक ब्याज लागत में कमी नहीं होगी, परिस्थिति में कोई सुधार नहींं होगा। हमें उम्मीद है कि यात्री कार खंड में 2 से 3 फीसदी की नकारात्मक वृद्धि रहेगी जबकि यूटिलिटी व्हीकल खंड में वृद्धि 12 से 13 फीसदी रहेगी।Ó इसी प्रकार महंगे कर्ज, सुस्त आर्थिक गतिविधियां और छोटे बाजारों मेंं माल भाड़ा कम होने के कारण मिनी ट्रक (2 टन क्षमता तक) खंड में भी बिक्री कमजोर रही। पिछले वित्त वर्ष के दौरान मिनी ट्रकों की औसत मासिक बिक्री करीब 40,000 वाहन रही थी जबकि अप्रैल में हलके वाणिज्यिक वाहनों (एलसीवी) की बिक्री घटकर 33,721 वाहन पर आ गई। साथ ही अप्रैल मेंं वृद्धि घटकर 3 फीसदी पर आ गई जो पिछले साल 16 फीसदी रही थी।
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