इस साल मार्च और अप्रैल में बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और अत्यधिक गर्मी की वजह से बिहार में फलों की पैदावार पर खासा असर हुआ है। कृषि विभाग के मुताबिक इस महीने की शुरुआत से लगातार ओलावृष्टि की वजह से भी आम और लीची की पैदावार को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है। सूत्रों के मुताबिक आम की पैदावार को इस बार बिहार में करीब 40 से 50 फीसदी तक कम रह सकती है जबकि लीची का उत्पादन भी 20 से 30 फीसदी तक कम हो सकता है।
विभाग के अधिकारियों ने कहा कि इस बार आम का उत्पादन बीते साल की तुलना में काफी कम रह सकता है। बीते साल अनियमित मॉनसून की वजह से इस बार वैसे भी कम उत्पादन की आशंका थी लेकिन बेमौसम बरसात, ओलों और उम्मीद से ज्यादा गर्मी ने रही-सही कसर निकाल दी। लीची की पैदावार को भी ओलों की वजह से इस साल खासा नुकसान हुआ है।
शाही लीची के लिए मशहूर मुजफ्फरपुर के किसानों के मुताबिक इस साल फसल अच्छी थी लेकिन फरवरी से अधिक गर्मी की वजह से ज्यादा मंजर बरबाद हो गए। आंधी-तूफान और ओलावृष्टि की वजह से भी लीची की फसल को नुकसान हुआ है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक बीते साल की तुलना में इस बार लीची की पैदावार 30 फीसदी तक कम रह सकती है। कारोबारी सूत्रों के मुताबिक इस बार कम पैदावार को देखते हुए लीची के दाम 40 सेे 50 फीसदी अधिक रह सकते हैं।
अमरूद, पपीता और दूसरे फ लों की पैदावार भी इस बार सामान्य से कम रह सकती है। हालांकि राज्य सरकार ने इस बारे में समय-समय पर किसानों के लिए सलाह जारी की थी लेकिन ओलावृष्टिï और गर्मी की वजह से नुकसान को रोक पाना मुश्किल था। हालांकि किसानों के मुताबिक प्रसंस्करण क्षमता की कमी की वजह से भी फ ल उत्पादकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।