वैश्विक संरक्षणवादी नीति से परेशानी नहीं : एचसीएल | |
करण चौधरी / 05 11, 2017 | | | | |
एचसीएल टेक्नोलॉजिज के अध्यक्ष व सीईओ सी विजयकुमार को वैश्विक संरक्षणवादी कदमों से परेशानी नहीं हैं। बाजार को अब तक के सबसे ज्यादा बढ़त वाले अनुमान से चौंकाने वाले सी विजयकुमार ने करण चौधरी को दिए साक्षात्कार में इस भरोसे की वजह बताई। पेश हैं मुख्य अंश...
आपने तीन तिमाही पहले कार्यभार संभाला था। इस अवधि में क्या बदलाव हुए हैं और कौन सी चीजें आपके लिए कारगर रही?
हमने पाया कि मौजूदा ग्राहकों को क्रॉस-सेल की काफी संभावनाएं हैं। 150 अग्रणी ग्राहकों के लिए मजबूत क्लाइंट पार्टनर मॉडल बनाकर हम काफी सेवाएं अपने क्लाइंटों को दे सकते हैं। नई पीढ़ी की कुछ सेवाओं के लिए एकीकृत तरीके से काम करने के लिए कई टीम की दरकार होती है। इससे ग्राहकोंं को काफी आत्मविश्वास मिलता है।
इस भरोसे की क्या वजह है?
हम अगली पीढ़ी की तकनीकी सेवाओं के लिए तेज व क्रांतिकारी तरीके का विकास कर रहे हैं। यह तीन तिमाही पहले शुरू हुआ, जब मैंने स्पष्ट रूप से मोड 1, 2, 3 रणनीति तैयार की, जो मुख्य रूप से आधारशिला, बेहतर राजस्व और लागत के अलावा प्रबंधन का सही ध्यान उन क्षेत्रों पर डालने के लिए था, जो लंबी अवधि के लिहाज से प्रासंगिक हों। हमने मोड-3 सेवाओं में साल दर साल के हिसाब से 30 फीसदी बढ़त हासिल की।
आईटी उद्योग से जुड़े संरक्षणवाद को लेकर काफी बातें हो रही हैं, इस बारे में आपका क्या कहना है?
मैं संरक्षणवाद का विरोध नहीं कर रहा हूं, हम बेहतर तरीके से तैयार हैं। हमने वैश्विक डिलिवरी केंद्रों में सात साल पहले निवेश किया था। अकेले अमेरिका में हमारे ऐसे 12 केंद्र हैं और 1200 कर्मचारी हैं, जो स्थानीय नियुक्ति का करीब एक फीसदी है और यह उद्योग में सबसे ज्यादा है। हम हमेशा से देखते रहे हैं कि स्थानीय प्रतिभा को ज्यादा जगह कैसे दे सकते हैं, इसी वजह से हमारे कर्मचारियों का 55 फीसदी आधार स्थानीय है। हम ज्यादा अतिसक्रिय रहे हैं। इससे हमें मदद मिली है।
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