तलेगांव को अपना निर्यात केंद्र बनाएगी जनरल मोटर्स | सोहिनी दास / अहमदाबाद March 20, 2017 | | | | |
देश में अपने कारोबार को पुनर्गठित करने के लिए संघर्ष कर रही अमेरिकी वाहन विनिर्माता जनरल मोटर्स इंडिया (जीएम) ने अपनी छोटी कार बीट के लिए अपने तलेगांव फैक्टरी (पुणे के समीप) को एक निर्यात केंद्र में तब्दील कर दिया है।
चालू वित्त वर्ष के पहले 11 महीने के दौरान घरेलू बाजार में कंपनी की बिक्री घटकर 24,505 वाहन रह गई जबकि 2011-12 की समान अवधि मेंं यह आंकड़ा 1,10,000 वाहनों का रहा था। हालांकि इस दौरान जीएम इंडिया का निर्यात पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 111.6 फीसदी बढ़कर 64,823 वाहन हो गया। कंपनी ने निर्यात के मोर्च पर यह प्रदर्शन ऐसे समय में किया है जब भारत से यात्री वाहनों के कुल निर्यात में 16.3 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
जीएम इंडिया ने पिछले साल से निर्यात पर ध्यान केंद्रित करना शुरू किया था। वित्त वर्ष 2017 की पहली छमाही में कंपनी के वाहनों का निर्यात 863.7 फीसदी बढ़कर 30,647 वाहन हो गया। कंपनी के तलेगांव संयंत्र की क्षमता तीन पालियों में सालाना 1,70,000 वाहनों के उत्पादन की है। फिलहाल इस संयंत्र का संचालन दो पालियों में हो रहा है जो वाहन उद्योग में सामान्य तौर पर होता है। कंपनी घरेलू और अंतररष्टï्रीय दोनोंं बाजारों के लिए अपने इस संयंत्र में टायरलेस बीट मॉडल का उत्पादन कर रही है।
एक सूत्र ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के दौरान तलेगांव संयंत्र में अब तक करीब 90,000 बीट का उत्पादन हो चुका है। इनमें से करीब 65,000 वाहनोंं का निर्यात केवल मैक्सिको को किया गया है। जबकि शेष वाहनों को घरेलू बाजार में डीलरों को वितरित किया गया।
दो पालियों में परिचालन होने पर इस संयंत्र की उत्पादन क्षमता सालाना करीब 1,10,000 वाहनों की है और कंपनी अधिकांश क्षमता का उपयोग कर रही है। जीएम इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, 'हम बाजार के कयासों पर टिप्पणी नहीं करते हैं। जैसा हमने पहले भी कई बार कहा है कि जीएम को भारतीय बाजार में मौजूद विकास संभावनाओं में भरोसा है और हम फिलहाल भविष्य के उत्पाद पोर्टफोलियो का आकलन कर रहे हैं। इस संयंत्र में मैक्सिको के लिए शेव्रले बीट का उत्पादन मार्च में शुरू हुआ था।'
कंपनी ने 2015 में कहा था कि वह भारत में अपनी विनिर्माण गतिविधियों में सुधार लाने और स्थानीय तौर पर 10 मॉडल तैयार करने के लिए भारत में 1 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना बना रही है। हलोल संयंत्र में टवेरा और क्रूज का उत्पादन हो रहा है। फिलहाल उस संयंत्र में रोजाना 100 से 120 कारों का उत्पादन होता है।
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