सोशल मीडिया से धोखाधड़ी पर गाज | |
एन सुंदरेश सुब्रमण्यन और साई मनीष / 02 09, 2017 | | | | |
कई सरकारी एजेंसियां फेसबुक लाइक के इस गोरखधंधे की जांच कर रही हैं। निवेशकों ने कंपनी के मालिक पर पोंजी स्कीम चलाने का आरोप लगाया है। छोटे निवेशकों के करीब 3700 करोड़ रुपये ठगने का आरोप
नोएडा की कंपनी अब्लेज इन्फो सॉल्युशंस पर 650,000 लोगों के 3,700 करोड़ रुपयों का गबन करने का आरोप लगा है। विभिन्न जांच एजेंसियों ने कंपनी के आलीशान दफ्तर को कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है। लेकिन कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अनुभव मित्तल इस पूरे घटनाक्रम से जरा भी विचलित नजर नहीं आते। 27 साल के मित्तल का जोर इस बात पर है कि उनके साथी इस स्थिति से घबराएं नहीं और संयम बनाए रखें। मित्तल ने अपने साथियों के नाम जेल से भेजे गए 37 सेकंड के वीडियो में कहा, 'साना, फातिमा, सिमरन, दीपिका और दूसरे साथियो, मैं आपके साथ हूं। आप बस मेरे साथ बने रहिए।' इस वीडियो को अब यूट्यूब पर अपलोड किया गया है। इसमें मित्तल अपने साथियों से कह रहे हैं कि यह कंपनी के लिए बुरा दौर है जो जल्द ही खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा, 'हम धमाकेदार वापसी करेंगे।'
उनका कहना है कि यह कंपनी के लिए सुर्खियों में आने का दुर्लभ मौका है। मित्तल ने कहा, 'इस घटनाक्रम ने एक ही दिन में हमें पूरे देश में मशहूर बना दिया।' लगता है कि मित्तल खुद को आमिर खान की सुपरहिट फिल्म 3इडियट्स के मुख्य चरित्र फुनसुक वांगडू की तरह देखते हैं। मूवी पोर्टल सिनेमिर्ची को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा, 'जब मैं बी. टेक कर रहा था तो मुझे नई-नई चीजें करने का शौक था। वर्ष 2009 में मैंने फेसबुक के जरिये अपने कमरे के पंखों और लाइट को कंट्रोल करने के लिए एक ऐप बनाया था। तभी से लोगों ने मुझे फुनसुक वांगडू कहना शुरू किया।'
आखिरकार इसी फेसबुक और सोशल मीडिया के दूसरे प्लेटफॉर्मों के जरिये उन्होंने करोड़ों की कमाई की। मित्तल ने वर्ष 2010 में अब्लेज की स्थापना की। खुद को मीडिया एक्सचेंज मार्केट पोर्टल बताने वाले सोशल ट्रेडडॉटकॉम की शुरुआत अगस्त 2015 में हुई। मित्तल ने दिसंबर में सिनेमिर्ची से कहा, 'हमारा कॉन्सेंप्ट डिजिटल मार्केटिंग मुहैया कराना है। हमें दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का कारोबार प्रभावित करना है।' दो महीने बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कंपनी के खिलाफ पैसों के गबन का मामला दर्ज किया। इससे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने कंपनी के खिलाफ मार्केटिंग/पोंजी स्कीम चलाने के आरोप में कंपनी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। इसी आधार पर ईडी ने मामला दर्ज किया।
ईडी ने कानपुर, गाजियाबाद और नोएडा में एक साथ कंपनी के पांच ठिकानों पर छापे मारे। आय कर विभाग जैसी कई दूसरी एजेंसियां भी मामले की जांच से जुड़ी हैं। एसटीएफ के मुताबिक मित्तल लोगों से 5,750 से 57,500 रुपये तक लेते थे और उन्हें सोशल मीडिया पेज पर लाइक करने के लिए 5 रुपये देते थे। इसका लिंक मित्तल की टीम भेजती थी।
एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, 'आरोपियों ने यह दुष्प्रचार किया था कि ये पेज अंतरराष्ट्रीय सोशल मीडिया पोर्टल से जुड़े हैं जो हर लाइक के लिए 6 रुपये देते हैं। इसमें से कंपनी 5 रुपये उपभोक्ता को देती है। आरोपियों ने साथ ही 4 निवेश योजनाएं भी शुरू की थी जिसमें निवेश की राशि के आधार पर अलग-अलग प्रोत्साहन की पेशकश की गई थी।' कुछ निवेशकों को लाइक करने के लिए पैसा नहीं मिला और उन्होंने ही पुलिस में इसकी शिकायत की थी। 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद कंपनी ने नकद 6 करोड़ रुपये जमा कराए थे। इससे भी जांच अधिकारी सतर्क हो गए थे। सूत्र ने बताया कि प्रारंभिक जांच के मुताबिक निवेशकों से लिए गए पैसों को रियल एस्टेट में निवेश किया गया था।
पूर्वी दिल्ली के पटपडग़ंज में एक जाने माने अस्पताल के सामने स्थित एक शॉपिंग मॉल में अब्लेज का पंजीकृत कार्यालय है। इस दो मंजिला मॉल की पहली मंजिल पर एक छोटा सा कमरा कंपनी का दफ्तर है। मंगलवार का दिन है और दफ्तर बंद है। मॉल में भी ज्यादा चहल पहल नहीं है। अब्लेज के कार्यालय के पास ही एक अकाउंटेंसी फर्म, एक डाइग्नोस्टिक लैब और एक ऑनलाइन कार ट्रेडिंग कंपनी के दफ्तर हैं। अब्लेज के बारे में पूछने पर लोगों ने बताया कि तीन दिन पहले मीडिया में घोटाले की खबर आने के बाद ही साइनबोर्ड हटा लिया गया था। कंपनी को जानने का दावा करने वाले कुछ लोगों ने कहा कि उन्होंने कभी भी मित्तल को यहां नहीं देखा। आसपास के दफ्तरों के लोगों ने बताया कि कुछ लोग अब्लेज के दफ्तार में काम करते थे और शायद ही कभी बाहर से कोई वहां आता था।
पिछले साल 31 मार्च को अब्लेज की चुकता शेयर पूंजी एक लाख रुपये थी जिसमें मित्तल और सुनील कुमार मित्तल की बराबर हिस्सेदारी थी। अब्लेज ने वित्त वर्ष 2016 में 4.3 करोड़ रुपये का घाटा दिखाया। हालांकि इसका राजस्व वित्त वर्ष 2015 के 8.3 लाख रुपये के मुकाबले बढ़कर 26.37 करोड़ रुपये पहुंच गया था। इस दौरान कंपनी का खर्च 2.7 लाख रुपये से बढ़कर 30.38 करोड़ रुपये पहुंच गया। इससे उसे नुकसान हुआ। कंपनी ने 8.19 करोड़ रुपये कमीशन खर्च, 12.71 करोड़ रुपये उप अनुबंध खर्च और 9.3 करोड़ रुपये पेशेवर खर्च दिखाया।
इससे साबित होता है कि अब्लेज ग्राहकों को पटाने के लिए बेतहाशा खर्च कर रही थी। जांचकर्ताओं ने संभावना जताई कि कई लेनदेन कंपनी के खातों में दर्ज नहीं है। जैसे निवेशकों से लिया गया सदस्यता शुल्क। निवेशकों की सदस्यता एक साल के लिए थी और उसके बाद उन्हें इसका नवीकरण कराना होता था। ग्राहकों को पटाने और नकदी वसूलने के काम में सैकड़ों एजेंट लगे थे जिन्हें कमीशन मिलता था। अधिकांश बहुस्तरीय मार्केटिंग योजनाओं में ऐसा ही होता है। मित्तल ठाठ से रहते थे। 29 नवंबर को उन्होंने धूमधाम से अपना जन्मदिन मनाया जिसमें सनी लियोनी और अमीषा पटेल ने भी हिस्सा लिया था। इन अभिनेत्रियों के साथ मित्तल और उनकी पत्नी आयूषि अग्रवाल की तस्वीर हाल में सामने आई है। आयुषि भी इन कंपनियों में निदेशक है। पुलिस का कहना है कि अगर जरूरी हुआ तो सनी लियोनी को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।
जांचकर्ता मित्तल की जिन चार कंपनियों की जांच कर रही हैं उनमें इंटमार्ट, सोशल ट्रेड और 3डब्ल्यू डिजिटल शामिल है। ये सभी कंपनियां नई हैं और उनमें प्रत्येक की पूंजी 10 लाख रुपये है। इन कंपनियों का कहना है कि उन्होंने कोई बड़ा लेनदेन नहीं किया है और वे मार्च में वित्त वर्ष पूरा होने पर अपना लेखाजोखा सौंपेंगी। मित्तल ने साल के अंत में इन कंपनियों को शुरू किया था। उन्होंने इंटमार्ट इंडिया और सोशल ट्रेड शुरू की और 3डब्ल्यू डिजिटल में निदेशक बने। कॉर्पोरेट मामलों के रिकॉर्ड के मुताबिक मित्तल दिसंबर में इम्प्रेस इन्फ्रास्ट्रक्चर में निदेशक बने लेकिन जनवरी में उन्होंने इसे छोड़ दिया।
मित्तल की 28 साल की पत्नी आयुषि अग्रवाल सितंबर में अब्लेज में निदेशक बनीं। साथ ही वह तीन अन्य कंपनियों के बोर्ड में भी है। इन तीनों कंपनियों के आधिकारिक आईडी पर भेजे गए ई-मेल का कोई जवाब नहीं आया। इंटमार्ट ई-कॉमर्स पोर्टल इंटमार्टडॉटकॉम चलाती है। मित्तल इसे सोशल कॉमर्स प्लेटफॉर्म कहते थे और चाहते थे कि यह फ्लिपकार्ट और स्नैपडील की तरह बढ़े। 3डब्ल्यू डिजिटल की शुरुआत गाजियाबाद के दंपती नरेश वशिष्ट और शुभी वशिष्ठ ने की थी। मित्तल जनवरी में इसके निदेशक बने और इसका पंजीकृत कार्यालय नोएडा सेक्टर 63 ले गए।
कंपनी का मूल्य कारोबारी उद्देश्य टेलीविजन धारावाहिक और दूसरे मीडिया कंटेंट बनाना था लेकिन बाद में इसमें संशोधन कर ई-कॉमर्स, सोशल मीडिया, सोशल ट्रेड, इंटरनेट और दूसरी संबंधित गतिविधियों को भी शामिल कर लिया गया। इसी दफ्तर से एसटीएफ की टीम ने मित्तल और उनके साथियों को गिरफ्तार किया था। जांचकर्ताओं ने कंपनी के बैंक खातों में पड़े 500 करोड़ रुपयों के लेनदेन पर रोक लगा दी है। इससे जांचकर्ता इस बात का पता लगाएंगे कि आरोपियों ने कहां-कहां निवेश किया है।
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